भारत जोड़ो यात्रा से लेकर जन मिलन कार्यक्रम तक कार्यकर्ता जुट रहे हैं, लेकिन पार्टी अपने ही दिग्गजों के दिलों को नहीं जोड़ पा रही है. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा से लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान तक सभी इस बात पर जोर देते नजर आ रहे हैं कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है, लेकिन जिले के एकमात्र कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी, कुमारी सैलजा, किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला जनमिलन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. दिग्गजों और उनके समर्थकों में गुटबाजी का खुलासा
करनाल में जन मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया
मिशन-2024 के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की जासूसी करने पहुंचे पर्यवेक्षकों के सामने जिलों में हुए हंगामे के बाद अब जनसभा कार्यक्रम में गुटबाजी उजागर होने लगी है. इससे पहले कांग्रेस जिला प्रभारी ने भी इसी सप्ताह करनाल का दौरा किया था. उनका यह दौरा लंबे समय से खाली चल रही जिला कार्यकारिणी के गठन को लेकर था। चर्चा के लिए कई स्थानीय लोगों को बुलाने की कोशिश की गई, लेकिन इसमें दूसरे नेताओं के समर्थकों के बीच जमकर लात-घूंसे चले। इसके बाद रविवार को करनाल में सार्वजनिक मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया.
करनाल जिले की असंध विधानसभा सीट से एकमात्र कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. इस संबंध में जब शमशेर सिंह गोगी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कार्यक्रम में जाने के सवाल पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. कांग्रेस के कट्टर समर्थक माने जाने वाले दिग्गज नेता रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और कुमारी सैलजा भी जन मिलन कार्यक्रम में नहीं दिखे. विधायक शमशेर सिंह गोगी भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा के गुट के माने जाते हैं.
ऐसा तब है जब पिछले साल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा में दिग्गजों को एक साथ रहने का संदेश दिया था. दौरे के दौरान सैलजा और भूपेन्द्र हुड्डा भी उनके साथ रहे, लेकिन स्थानीय राजनीति को लेकर दिलों की दूरियां कम नहीं हो सकीं। आज भी जब हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से जिला स्तर के संगठन और गुटबाजी के बारे में पूछा गया तो दोनों नेताओं ने गुटबाजी की बात से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है, प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही संगठन मजबूत होकर खड़ा होगा. सवाल ये है कि क्या कांग्रेस में प्रदेश के नेताओं के बीच गुटबाजी इसी तरह जारी रहेगी. कांग्रेस कितनी मजबूती से चुनाव लड़ पाएगी ये तो वक्त ही बताएगा.