महंगाई में आटा गीला: एक साल में 15% महंगा हुआ गेहूं, 23% बढ़ी आटे की कीमत
गेहूं और आटे के दाम अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं । पिछले 1 महीने में गेहूं के दामों में 5 फीसदी तो आटे के दामों में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है
wheat and wheat flour price hike- गेहूं और आटे के दाम अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं । पिछले 1 महीने में गेहूं के दामों में 5 फीसदी तो आटे के दामों में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जानकार मानते हैं कि नई फसल आने तक यह बढ़ोतरी जारी रह सकती है।
बता दें कि पिछले 1 साल में गेहूं की कीमते 15 फीसदी महंगी हुई है जबकि आटे के दाम में 23 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। हालांकि सरकार का कहना है कि उनकी नजर गेहूं की कीमतों पर बनी हुई और सरकार गेहूं की कीमतों में तेजी की समीक्षा करेंगी।
क्या हैं तेजी के कारण?
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से कम उत्पादन और विश्व स्तर पर बढ़ती मांग के चलते दाम बढ़े है। सरकार ने इस साल मई में गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी, इस वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों (अप्रैल-सितंबर के बीच) में वास्तविक शिपमेंट पिछले साल की तुलना में दोगुना हो गया था। नई फसल आने तक बढ़ोतरी जारी रह सकती है। नई फसल अप्रैल में आएगी।
बता दें कि सरकार के पास गेहूं का स्टॉक रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है। सरकार के पास गेहूं का स्टॉक 227 मेट्रिक टन है। बफर स्टॉक से मात्र 26 टन ऊपर है।
सरकार की अभी स्टॉक लिमिट लगाने या फिर खुले बाजार में गेहूं बेचने की योजना नहीं है। सरकार गेहूं के दामों पर नजर बनाए हुए हैं। अगले हफ्ते inter-ministerial कमेटी गेहूं के दामों की समीक्षा करेगी।