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Neelgiri Farming: नीलगिरी की खेती के लिए मिलेगी 25000 रुपए की सब्सिडी, ऐसे उठाएं लाभ

 
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सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। इसके लिए किसानों को कई प्रकार की लाभकारी कृषि योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है जिससे उन्हें सस्ते दर पर खाद, शर्तें, बीजी, कृषि यंत्र उपलब्ध होते हैं।

इसी क्रम में किसानों की आय में बंधे करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से नीलगिरी की खेती के लिए 25 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार, राज्य में वन पर आधारित अभिषेक को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार की ओर से देखने की संपत्ति योजना की जानकारी ली जा रही है।

इस योजना के तहत नीलगिरी की खेती का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसलिए ही नहीं सरकार ने खुद किसानों से नीलगिरी की खरीद परिणामी जिससे उन्हें मिलने के लिए अटल-उठ जाने की भी आवश्यकता नहीं है। इस योजना के तहत किसान भाई आवेदन करके राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।

इस योजना का लाभ पाने के लिए राज्य के किसान अपने जिले के कृषि विभाग कार्यालय और वन विभाग के अधिकारों से संपर्क कर सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को नीलगिरी की खेती से होने वाले लाभ और इस पर सरकार की ओर से मिलने वालों की सब्सिडी की जानकारी दे रहे हैं।

नीलगिरी की खेती क्यों है किसानों के लिए लाभकारी (Neelgiri Ki Kheti)

नीलगिरी को यूकेलिप्टस भी कहते हैं। इसके पेड़ बहुत ही अच्छे होते हैं। इनसे लकड़ी की लकड़ी प्राप्त होने का प्रमाण होता है कि जहाज़ बनाने, इमारतों के खंभे और फर्नीचर बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग गले, नाक, गुर्दे और पेट की बीमारियों में किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग सर्दी जुकाम में औषधि के रूप में किया जाता है। इस पेड़ से एक प्रकार का गोंड भी प्राप्त होता है। इस पेड़ के छालों को कागज और चमड़े बनाने में उपयोग किया जाता है।

नीलगिरी की लकड़ी का बाजार भाव क्या है

नीलगिरी की लकड़ी की मांग बाजार में बहुत रहती है। इसकी लकड़ी से फर्नीचर बनाते हैं। बाजार में नीलगिरी की लकड़ी का भाव 6-7 रुपए किराया है। वहीं एक पेड़ से किसानों को करीब 400 किलोग्राम काठ प्राप्त होता है। इस तरह के किसान यदि एक एकड़ में नीलगिरी के 1000 नैनो सूट करते हैं तो उन्हें काफी अच्छा लाभ मिल सकता है। बता दें कि पांच साल में नीलगिरी का पेड़ अच्छी तरह से विकसित हो जाता है।

कैसे होती है नीलगिरी की खेती

नीलगिरी के संयंत्र को विशेष मिट्‌टी और वृक्ष की आवश्यकता नहीं है, इसकी सामान्य मिट्‌टी और वृक्षारोपण में वृद्धि हो सकती है। इसकी खेती के लिए 30-35 डिग्री तक का तापमान अच्छा रहता है। इसे बीज या कलम दोनों तरह से सावधानी से जा सकता है। इसके संयंत्र काफी लंबे होते हैं, इसलिए इन्हें जमीन में ही रोपा जाता है। इसके सूक्ष्म के ठीक तरीके से विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में सूर्य का प्रकाश, वायु, जल की आवश्यकता होती है। यदि सही तरीके से इसकी खेती की जाए तो इससे काफी अच्छा अतिरिक्त कमाया जा सकता है। किसान, चाहे तो अपने खेत की मेड़ पर भी उगाकर बेहतर लाभ कमा सकते हैं। इससे समझौता की सुरक्षा के साथ ही किसानों की आय भी बढ़ेगी।

नीलगिरी की खेती के लिए कितनी मिलती है सब्सिडी (नीलगिरी की खेती)

नीलगिरी की खेती के लिए छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के किसानों को कुल 25 हजार रुपए की सब्सिडी दे रही है। इसके तहत किसानों को सब्सिडी की राशि का वितरण इस प्रकार से किया जाएगा।

पहले साल में नीलगिरी के संयंत्रों के लिए 11000 रुपये का अनुदान मिलेगा।

दूसरे साल में 7000 रुपये की राशि अनुदान के रूप में मिलेगी।

तृतीय वर्ष में 7000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा।

इस तरह नीलगिरी की खेती के लिए किसानों को कुल 25000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा।

नीलगिरी पर अनुदान के लिए आवेदन के लिए दस्तावेजों के दस्तावेजों की आवश्यकता होगी

नीलगिरी की खेती पर अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को इसके लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए उन्हें कुछ महत्वपूर्ण दस्तोवजों की आवश्यकता होगी, जो इस प्रकार से हैं-

आवेदन करने वाले व्यक्ति का आधार कार्ड

आवेदन करने वाले व्यक्ति का संबंध प्रमाण-पत्र

आवेदन करने वाले व्यक्ति का आय प्रमाण-पत्र

जमा बैंक खाते का विवरण इसके लिए बैंक पासबुक की कॉपी

जमीन के दस्तावेज़ जिसमें खसरा खतौनी की प्रति है

दिनांक का आधार से लिंक मोबाइल नंबर आदि।

नीलगिरी की खेती पर अनुदान पाने के लिए किसान कैसे करें आवेदन

नीलगिरी की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को सबसे पहले अपना पहला वन विभाग कार्यालय दिया जाएगा। यहां संबंधित अधिकारी से आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा। अब इस एप्लिकेशन फॉर्म में बताई गई जानकारी को ठीक से भरना होगा। इसके बाद फार्म में मांगे गए सभी दस्तावेजों को संलग्न करना है। अब इस फार्म को आप वापस वन विभाग के कार्यालय में जमा कर सकते हैं। इस तरह आप नीलगिरी की खेती के लिए अनुदान का लाभ सरकार से प्राप्त कर सकते हैं।