सरसों 200, मसूर 450 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ी, सरकार ने गेहूं और सरसों समेत 6 फसलों पर बढ़ाया MSP रेट, देखें नए रेट
Mustard Rs 200, lentils Rs 450 per quintal, government hikes MSP rate on six crops including wheat and mustard, see new rates

रबी सीजन 2024-25 की शुरुआत ने भारतीय किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी लाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दी है। इस आलेख में, हम आपको बताएंगे किन फसलों की एमएसपी में कितनी बढ़ोतरी हुई है और इससे किसानों को कैसे फायदा होगा।
एमएसपी में वृद्धि का महत्व
एमएसपी, यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य, किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहायक होता है। इसमें सरकार द्वारा तय किए गए मूल्यों पर किसान अपने उपज को बेच सकता है। इससे किसानों को न्यूनतम मूनाफा हासिल करने का अवसर मिलता है और वे अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं।
वृद्धि के साथ एमएसपी में बदलाव
1 अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले खरीद सीजन में, गेहूं की एमएसपी को 2275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 150 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि है। यह फसल किसानों के लिए एक बड़ा बदलाव है, जो उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा।
वृद्धि के साथ ही, मसूर के लिए भी एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। मसूर की एमएसपी को 425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 200 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि है।
सरसों के लिए भी एक बड़ा बदलाव हुआ है, जिसकी एमएसपी को 5650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 150 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि है।
गेहूं, कुसुम, जौ, चना, और चने के लिए भी एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी गई है, जो किसानों को अधिक मूनाफा हासिल करने में मदद करेगा।
केंद्रीय बजट 2018-19 के अनुसार तय हुआ MSP
इस वृद्धि का मूल कारण केंद्रीय बजट 2018-19 में दी गई घोषणा है। इसके अनुसार, कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) द्वारा लागत से कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर फसलों की एमएसपी तय की जाती है, यानी कि किसानों को जो लागत आती है उस पर कम से कम 50% मुनाफा जोड़कर एमएसपी तय होती है।
केंद्र सरकार ने दावा किया है कि गेहूं की एमएसपी उसकी लागत पर 102% मार्जिन के साथ तय की गई है, जो किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायक होगा। सरसों के लिए 98%, मसूर के लिए 89%, चने और जौ के लिए 60-60%, और कुसुम के लिए 52% मार्जिन पर एमएसपी तय की गई है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
फायदे किसानों के लिए
इस एमएसपी में वृद्धि से किसानों को कई तरह के फायदे होंगे। पहले तो, वे अधिक मूनाफा हासिल कर सकेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यह उन्हें न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा और उनकी जीवनस्तर में सुधार करेगा।
दूसरे, इसके माध्यम से किसानों को उनकी मेहनत का सच्चा मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी मोटिवेशन बढ़ेगी और वे अधिक मेहनत करेंगे।
न्यूनतम समर्थन मूल्य का महत्व
न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण बड़ी मात्रा में किसानों की आर्थिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह सुनिश्चित करता है कि किसान उनकी मेहनत के मूल्य के हिसाब से उपज बेच सकें और उन्हें न्यूनतम मूनाफा हासिल हो।
किसानों के लिए एमएसपी में वृद्धि का यह फैसला उनके जीवन को सुखद और सुरक्षित बनाएगा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे अधिक मेहनत करके अधिक मूनाफा हासिल करेंगे।