Movie prime

Budget 2023: इस बजट के बाद लोगों की हो जाएगी बल्ले-बल्ले, सीतारमण कर सकती हैं ये बड़े ऐलान

 
Budget 2023

Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को केंद्रीय बजट (Budget 2023) 2023-24 पेश करने जा रही हैं. 2024 के आम चुनाव से पहले उनका पांचवां और सरकार का आखिरी पूर्ण बजट (Budget 2023) है. इस बार बजट (Budget 2023) से पहले लोगों को कई उम्मीदे हैं. ऐसे में यहां हम कुछ बजट (Budget 2023) उम्मीदों की बात करने वाले हैं, जिनका ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) इस बार के बजट (Budget 2023) में कर सकती हैं और लोगों को इनसे राहत भी मिल सकती है.

टैक्स संबंधी ऐलान
आयकर से संबंधित घोषणा बजट (Budget 2023) में उत्सुकता से देखी जाने वाली चीजों में से एक है, क्योंकि यह बड़े पैमाने पर लोगों और सरकार के खजाने को प्रभावित करती है. उम्मीद है कि सरकार टैक्स छूट या छूट की सीमा बढ़ाकर व्यक्तिगत करदाताओं को राहत दे सकती है. केंद्रीय बजट (Budget 2023) 2023-24 में धारा 80 सी के तहत कटौती की सीमा को वर्तमान में 1.5 लाख रुपये से बढ़ाने की भी मांग की जा रही है.

राजकोषीय घाटा
राजकोषीय घाटा बाजारों और नीति निर्माताओं के बीच पालन करने के लिए महत्वपूर्ण मेट्रिक्स में से एक है. यह सरकार के वित्त के स्वास्थ्य और उधार पर निर्भरता को दर्शाता है. उपलब्ध नए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-नवंबर 2022 के दौरान भारत का राजकोषीय घाटा 9.78 लाख करोड़ रुपये या पूरे वित्तीय वर्ष के लक्ष्य का 58.9 प्रतिशत रहा. पिछले वर्ष इसी अवधि में, घाटा पूरे वित्त वर्ष 2022 के लक्ष्य का 46.2 प्रतिशत था. राजकोषीय घाटा सरकार के व्यय और राजस्व के बीच का अंतर है.

डिसइंवेस्टमेंट टारगेट
चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजटीय विनिवेश लक्ष्य 65,000 करोड़ रुपये है. इसमें से सरकार ने अब तक लगभग 31,000 करोड़ रुपये केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में अपनी इक्विटी बेचकर जुटाए हैं. पिछले चार वर्षों में सरकार बजटीय लक्ष्य से लगातार चूकती रही है. केंद्रीय बजट (Budget 2023) 2021-22 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने पहले विनिवेश लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये रखा था, जिसे बाद में संशोधित कर 78,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था. हालांकि, 2021-22 में मोप-अप केवल 13,531 करोड़ रुपये था. चालू वित्त वर्ष में भारत का मेगा आईपीओ LIC IPO देखा गया था. अब, दो राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी का निजीकरण लंबित है.

पूंजीगत व्यय
पिछले बजट (Budget 2023) 2022 में महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ावा मिला था. वहीं कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए निजी निवेश के लिए बड़ी खर्च योजना का अनावरण कर सकती हैं. सरकार से आगामी बजट (Budget 2023) 2023-24 में पूंजीगत संपत्ति पर राज्यों के खर्च पर विशेष ध्यान देने के साथ पूंजीगत व्यय को बढ़ाने की अपनी योजना को जारी रखने की उम्मीद है.