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जाम ट्रिनिटी क्या है? इसकी शुरुआत गरीबों की आर्थिक मदद करने के लिए की गई थी

 
जाम ट्रिनिटी

आजादी के बाद के वर्षों तक, भारत में अभी भी आबादी का एक बड़ा हिस्सा था जिसकी बैंकिंग सर्विसेज (Banking Services) तक पहुंच नहीं थी. इसका मतलब यह हुआ कि उनके पास सेविंग के लिए न तो कोई रास्ता था और न ही इंस्टीट्यूशनल लोन प्राप्त करने का कोई अवसर. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) का शुभारंभ इसी फंडामेंटल इश्यू को सॉल्व करने के लिए किया था. ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग का विस्तार करने के लिए ‘जन धन खाता-आधार-मोबाइल ट्रिनिटी (JAM Trinity) को शुरू किया गया है, ताकि जरूरतमंदों को उनके बैंक अकाउंट्स में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBTs) के माध्यम से उन्हें वेलफेयर पेमेंट्स प्राप्त करने में मदद मिल सके.

क्या जैम ट्रिनिटी है? जेएएम (जन धन-आधार-मोबाइल) ट्रिनिटी भारत सरकार द्वारा जन धन अकाउंट्स, मोबाइल नंबर्स और भारतीयों के आधार कार्ड को जोड़ने का एक इनिशि​एटिव है. जन धन योजना की बुनियादी बैंक अकाउंट्स तक यूनिवर्सल एक्सेस, आधार बायोमेट्रिक आइडेंटिफायर, और भारत का तेजी से बढ़ता मोबाइल फोन नेटवर्क JAM आर्किटेक्चर की रीढ़ है. आधार नंबर उन लोगों की पहचान करने में मदद करता है जो विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए पात्र हैं और बायोमेट्रिक्स के माध्यम से उनकी पहचान की पुष्टि करते हैं. चूंकि आधार नंबर बैंक अकाउंट्स से मैप किए जाते हैं, यह एक व्यक्ति के फाइनेंशियल अड्रेस के रूप में भी कार्य करता है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक वेलफयर पेमेंट में आसानी होती है.

उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) में नॉमिनेशन के लिए या इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS) के अनुसार वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने के लिए अपना आधार डिटेल प्रस्तुत करेगा. उनकी पहचान उनके आधार से वेरिफाई की जाएगी, और संबंधित बेनिफिट बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जाएंगे जो प्रदान किए गए आधार नंबर से जुड़ा हुआ है.

जैम प्लेटफॉर्म की एफिकेसी

  • JAM ट्रिनिटी भारत सरकार को अधिक प्रभावी ढंग से और समावेशी रूप से भुगतान करने में सक्षम बनाती है.
  • प्रभावी ढंग से सरकारी पेमेंट करने के लिए आईडी सिस्टम, मोबाइल फोन और फाइनेंशियल अकाउंट्स के उपयोग पर देशों को रैंक करने के लिए केंद्र ने Findex डाटा के आधार पर एक JAM इंडेक्स बनाया है. इस इंडेक्स में भारत और केन्या दो शीर्ष रैंकिंग वाले देश हैं.
  • कैश बेस्ड सोशल हेल्प सबसे कुशलतापूर्वक और समय पर वितरित की जा सकती है जब तीन घटकों – आईडी, फोन और फाइनेंशियल अकाउंट्स तक पहुंच रखने वाली आबादी का प्रतिशत ज्यादा हो, सिस्टम अच्छी तरह से इंटीग्रेटिड हों, बेनिफिट और ट्रांसफर का मौजूदा सिस्टम व्यापक कवरेज है और बेनिफिट्स का पेमेंट आईडी से लिंक फाइनेंशियल अकाउंट्स के माध्यम से किया जाता है.

क्या मिलती हैं सुविधाएं

जन धन अकाउंट्स के तहत शुरू में ही अकाउंट होल्डर को RuPay डेबिट कार्ड और सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली पेंशन और बीमा स्कीम ऑफर की जाती है. इसके अलावा, DBT सिस्टम के एक प्रमुख प्रमोटर के रूप में, JAM ट्रिनिटी ने नागरिकों को सरकारी लाभों के वितरण में सुधार में सहायता की है. अतीत में, फिजिकल डिस्ट्रीब्यूशन चैनल्स के माध्यम से कैश ट्रांसफर किया जाता था, जिसमें खामियां थीं. कैश का फिजिकल डिस्ट्रीब्यूशन एक्सचेकर के लिए काफी महंगा था रेसिपिएंट के लिए भी ज्यादा प्रभावी नहीं था. डीबीटी सिस्टम ने इसके बजाय सीधे बैंक अकाउंट्स में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर की सुविधा प्रदान की. लाभार्थियों के पहचान सत्यापन के लिए बैंक अकाउंट्स की आधार-सीडिंग की अनुमति दी गई, जिससे यह पता लगाने में मदद मिली कि वेलफेयर बेनिफिट सही व्यक्तियों को भेजे जा रहे हैं या नहीं.