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Gold Hallmarking : अब पुराने गहनों पर गोल्ड हॉलमार्क लगवाने पर लगेगा इतना चार्ज, यहां जानें पूरी जानकारी

Gold Hallmarking Charges: If you have old jewelery lying around which does not have hallmarking, then you should get your jewelery marked.

 
Gold Hallmarking Charges

त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है और सुनारों की दुकानों पर लोगों की भीड़ भी बढ़ गई है. देश में गोल्ड हॉलमार्किंग नियम लागू होने के बाद अब केवल 6 अंकों वाली HUID हॉलमार्किंग वाला सोना ही बेचने की इजाजत है।

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 1 अप्रैल, 2023 से हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों के लिए छह अंकों की 'अल्फ़ान्यूमेरिक' एचयूआईडी अनिवार्य कर दी है। केवल 6 अंकों की अल्फ़ान्यूमेरिक हॉलमार्किंग मान्य है।

अगर आपके पास पुरानी ज्वेलरी पड़ी है जिस पर यह हॉलमार्किंग नहीं है तो आपको अपनी ज्वेलरी पर मार्किंग करा लेनी चाहिए। अगर आप इस त्योहारी सीजन में सोना खरीद रहे हैं तो अपनी पुरानी ज्वेलरी का भी ख्याल जरूर रखें। हालांकि, बीआईएस का कहना है कि हॉलमार्किंग नियम लागू होने के बावजूद आप अपने पुराने आभूषण बेच सकते हैं।

हॉलमार्किंग शुल्क क्या है?

आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग शुल्क - रु. सोने के आभूषणों के लिए रु. 45/- + जीएसटी प्रति नग और चांदी के आभूषणों के लिए रु. 35/- + जीएसटी प्रति नग, चाहे आभूषण का वजन कुछ भी हो।
सोने की खेप के लिए न्यूनतम शुल्क रु. 200 और चांदी के लिए यह 150/- रुपये है.