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Onion Price : प्याज के दामों में जोरदार उछाल, जानें दिवाली से पहले क्यों रुला रहा है प्याज ?

Onion Price Today : देश में कुछ हफ्तों से प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे आम आदमी के बजट पर दबाव बढ़ रहा है। पिछले कुछ दिनों में प्याज की कीमतें 50 से 60 फीसदी तक उछलकर 30 से 40 रुपये प्रति किलो से 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।

 
Onion Price Hike

Onion Price Hike : प्याज के दाम बढ़े, ऐसा क्यों हो रहा है? इसके पीछे की कहानी क्या है? और क्या सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए? इस लेख में हम आपको प्याज की महंगाई के बारे में सब कुछ बताएंगे, ताकि आप समझ सकें कि यह सब क्यों हो रहा है।

आम आदमी के बजट पर बढ़ रहा दबाव

देश में कुछ हफ्तों से प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे आम आदमी के बजट पर दबाव बढ़ रहा है। पिछले कुछ दिनों में प्याज की कीमतें 50 से 60 फीसदी तक उछलकर 30 से 40 रुपये प्रति किलो से 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।

क्यों महंगा हुआ प्याज?

दरअसल, देश में प्याज की खेती का रकबा 200,000 हेक्टेयर कम हो गया है. इससे उत्पादन 14,82,000 मीट्रिक टन कम हो गया है। 2022-23 में प्याज की खेती 17,41,000 हेक्टेयर में हुई, जबकि 2021-2 में 19,41,000 हेक्टेयर में। दूसरे शब्दों में कहें तो पिछले एक साल में प्याज की खेती का रकबा 10 फीसदी से ज्यादा घट गया है. इसी प्रकार, 2022-23 के दौरान प्याज का उत्पादन 3,02,05,000 मीट्रिक टन है।

जबकि 2021-22 में उत्पादन 3,16,87,000 मीट्रिक टन था. यानी एक साल में उत्पादन करीब 5 फीसदी गिर गया. प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की एक वजह महाराष्ट्र में खरीफ सीजन में करीब एक महीने की देरी भी है. मॉनसून की बारिश में देरी के कारण खरीफ प्याज अभी तक बाजार में नहीं पहुंच पाया है. इससे बाजार में तेजी आई है.

प्याज की कीमतों का असली गणित

कई लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि प्याज की कीमतें इतनी क्यों बढ़ गई हैं? आइए समझते हैं प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे के कुछ मुख्य कारण:

प्याज की कमी: देश में प्याज की खेती का रकबा घट गया है. इसका मतलब है कि कम प्याज का उत्पादन किया जा रहा है, और जब उपलब्धियां कम होती हैं, तो उनका मूल्य बढ़ जाता है।

मानसून में देरी: महाराष्ट्र में खरीफ सीजन की प्याज मिलने में एक महीने की देरी हो रही है। इस वजह से बाजार में तेजी है, क्योंकि लोगों की मांग बरकरार है और उपलब्धियां कम हैं.

उत्पादन में कमी: 2022-2 में प्याज की खेती का रकबा 10% से अधिक घट गया है इससे प्याज की उपलब्धता भी कम हो गई है, जिससे कीमतें बढ़ गई हैं।

सरकारी कदम आवश्यक

इस समस्या को देखते हुए आम लोग सरकार से कुछ कदम उठाने की मांग कर रहे हैं. प्याज की महंगाई आंसू रुला रही है और सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.