हरियाणा में सरकारी भर्ती करने वाले विभाग में ही कर्मचारियों की कमी, HSSC आयोग में रिक्त पड़े है 97 पद

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने हाल ही में ग्रुप-डी के 13,536 पदों के लिए सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया है, जिसमें 8.54 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया है। यह परीक्षा HSSC के माध्यम से होती है, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रुप-डी के पदों को भरना है। हालांकि, इस बड़े चयन की चुनौती के बावजूद, आयोग के 97 पद रिक्त हैं जो विभिन्न स्तरों पर हैं।
आयोग की सीधी मांग
आयोग की ओर से सरकार को कई बार मांग भेजने के बावजूद, इन पदों को भरा नहीं गया है। इससे नौकरियों की तलाश में विफल होने वाले अभ्यर्थियों के बीच निराशा बढ़ रही है। आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, यह समस्या कारगरता की दृष्टि से उठाई जा सकती है अगर सरकार इन पदों को शीघ्रता से भरती करती है।
भर्ती के पदों का विवरण
आयोग में रिक्त पड़े 97 पदों का विवरण निम्नलिखित है:
- सदस्य: 10 पद, खाली: 6
- कानूनी सचिव: 1 पद, खाली: 1
- डिप्टी सुपरिटेंडेंट: 1 पद, खाली: 1
- डीडीए: 2 पद, खाली: 2
- निजी सचिव: 3 पद, खाली: 1
- निजी सहायक: 3 पद, खाली: 2
- जे एसएस: 1 पद, खाली: 1
- सहायक: 48 पद, खाली: 6
- एसएसएस: 6 पद, खाली: 6
- स्टेनो टाइपिस्ट: 17 पद, खाली: 17
- क्लर्क: 38 पद, खाली: 24
- डेटा एंट्री आप्रेटर: 1 पद, खाली: 1
- प्यून कम चौकीदार: 31 पद, खाली: 15
- ड्राइवर: 16 पद, खाली: 4
- स्वीपर: 4 पद, खाली: 3
आयोग की प्रतिबद्धता और चुनौतियों का सामना
आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने सरकार से स्थायी भर्ती की मांग की है ताकि कर्मचारियों की कमी से उत्पन्न होने वाली समस्याएं सुलझ सकें। आयोग चाहता है कि यह भर्तियां डेपुटेशन या अन्य माध्यमों के माध्यम से नहीं हों, क्योंकि इससे आयोग के कार्यों की गोपनीयता को खतरा हो सकता है। इसके बावजूद, आयोग ने कई स्थानों पर नौकरियों को अनधिकृत रूप से भरा गया है, जैसे कि 29 पदों पर कॉन्ट्रैक्ट आधार पर।
नौकरियों का आकार और विवरण
आयोग में स्थायी भर्ती की ओर मोड़ता हुआ, वह 50 डेटा एंट्री ऑपरेटर और 49 हेल्परों को नियुक्ति देने का एलान किया है। यह साबित करता है कि आयोग नौकरियों की तलाश में सच्चाई बनाए रखने के लिए कई प्रयासशील है।
चुनौतियों का सामना कैसे कर रहा है आयोग?
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाएं को लेकर कई मामले कोर्ट में पंजीकृत हैं। यह भी उजागर करता है कि भर्ती प्रक्रिया में कुछ सुधार की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक युवा नौकरी प्राप्त कर सकें और कोई भी अनियामितता न हो।