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हरियाणा में 10 नवंबर के बाद बढ़ेगी ठंड, पहाड़ों की ओर से आने वाली हवा बदलेगी मौसम

पहाड़ों से आने वाली सर्द हवाएं प्रदेश में तापमान को प्रभावित करने का काम करेगी। मगर यह हवाएं 10 नवंबर के बाद ही आ सकती हैं। अभी दिन के समय लाेग गर्मी के चलते एयरकंडीशन और पंखा चला रहे हैं। आगामी दिनों में आंशिक बादलवाई देखने को मिल सकती है।

 
Haryana Weather News

नवंबर का पहला सप्ताह लगभग पूरा हो चुका है मगर फिर भी दिन और रात्रि के तापमान अधिक गिरावट दर्ज नहीं की गई है। यहां तक कि कई स्थानों पर तो रात्रि तापमान भी सामान्य से अधिक है। वहीं कुछ स्थानों पर दिन का तापमान सामान्य के बराबर है। मगर अब मौसम विज्ञानी कह रहे हैं कि 10 नवंबर के बाद प्रदेश में रात्रि तापमान में कुछ गिरावट होने की संभावना है।

यानि प्रदेश में सर्दी बढ़ सकती है। इसका कारण पहाड़ों से आने वाली हवाएं बन सकती हैं। पहाड़ों से आने वाली सर्द हवाएं प्रदेश में तापमान को प्रभावित करने का काम करेगी। मगर यह हवाएं 10 नवंबर के बाद ही आ सकती हैं। अभी दिन के समय लाेग गर्मी के चलते एयरकंडीशन और पंखा चला रहे हैं। इसके साथ ही आगामी दिनों में आंशिक बादलवाई भी देखने को मिल सकती है।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से हरियाणा में 9 नवंबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान उत्तर पूर्वी हवाएं चलने से ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादलवाई आने की संभावना है।

इसके साथ ही उत्तरी हरियाणा में 7 नवंबर रात्रि व 8 नवंबर को एक दो स्थानों पर गरज-चमक व तेज हवाएं भी चल सकती हैं । इस के बाद 10 नवंबर से हवाओं की दिशा में भी बदलाव संभावित है जो उत्तर पूर्वी से उत्तर पश्चिमी होने की संभावना है जिससे पहाड़ों की तरफ से ठंडी हवाएं चलने से रात्रि तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है।

क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ

पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्णकटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं। इनमें नमी सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्णकटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है। भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बरसात के रूप में बदल जाती है।

देश भर में मौसम प्रणाली:

चक्रवाती परिसंचरण जो केरल और आसपास के क्षेत्रों में था, वह अरब सागर के दक्षिणपूर्व और आसपास के हिस्सों में स्थानांतरित हो गया है।

एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और इससे सटे दक्षिण अंडमान सागर बना हुआ है।

एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है और एक प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पाकिस्तान और इससे सटे पंजाब के हिस्से पर बना हुआ है।

9 नवंबर के आसपास श्रीलंका के पास दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके उत्तर-पश्चिम दिशा में तमिलनाडु तट की ओर बढ़ने की उम्मीद है और एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव में तेज हो सकता है।

पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में हुई मौसमी हलचल

पिछले 24 घंटों के दौरान, तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हुई।

गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और हिमपात हुआ।

केरल के आंतरिक तमिलनाडु और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में छिटपुट हल्की बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश हुई।

आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट और असम के दक्षिणी हिस्सों में हल्की बारिश हुई।

दिल्ली और एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक अधिकांश स्थानों पर श्रेणी के लिए और कुछ स्थानों पर बहुत खराब श्रेणी में रहा।

अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि

अगले 24 घंटों के दौरान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तमिलनाडु और केरल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, जम्मू कश्मीर में बारिश और हिमपात की तीव्रता बढ़ सकती है और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में शुरू हो सकती है।

दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, लक्षद्वीप, रायलसीमा और असम, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।

दिल्ली का वायु प्रदूषण बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में रहेगा।