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Delhi-Mumbai Express Way पर अब उतर सकेंगे फाइटर Plane, 95 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान

 
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गुरुग्राम :- दिल्ली-वडोदरा-मुंबई Express Way पर कई जगह Fighter Plane सकते है. प्लेन उतारने के लिए सड़क की चौड़ाई लगभग 20 मीटर और सीधी लंबाई तीन किलोमीटर होनी आवश्यक है. एक्सप्रेस-वे के दोनों भाग की चौड़ाई लगभग 20-20 मीटर है. 8 से 10 किलाेमीटर की सीधी लंबाई के कई Package है. गांव अलीपुर से दौसा के बीच ही 10 से अधिक तीन किलोमीटर से ज्यादा लंबाई के पैकेज हैं. इससे हम अंदाजा नहीं लगा सकते कि मुंबई तक कितने पैकेज होंगे.

दिल्ली से मुंबई की कनेक्टिविटी होगी अच्छी 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से आर्थिक राजधानी मुंबई की Connectivity को अच्छा करने के लक्ष्य से दिल्ली-वडोदरा-मुंबई Express Way बनाया जा रहा है. 1380 किलोमीटर लंबे इस Express Way के निर्माण पर लगभग 95 हजार करोड़ रुपये लागत की संभावना है. इसे आठ Lane का बनाया जा रहा है. Express Way को 12 लेन तक किया जा सकता है. इसकी चौड़ाई इतनी ज्यादा है कि Air Ambulance भी Land कर सकती है. फाइटर प्लेन को भी कहीं पर भी लैंड करवाया जा सकता है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक (सोहना) मुदित गर्ग का कहना है कि फाइटर प्लेन उतारने के लिए जितनी चौड़ाई और लंबाई चाहिए उतनी दिल्ली-वडोदरा-मुुंबई एक्सप्रेस-वे पर कई सारे स्थान है.

Road Runway के लिए आवश्यकताएं 

रोड रनवे के लिए कम से कम तीन किलोमीटर सड़क बिल्कुल सीधी और समतल होनी चाहिए. कहीं भी जमीन न धंसे. कहीं पर भी ढलान नहीं होना चाहिए.  वहां पर इतना स्थान अवश्य होना चाहिए कि जरूरत पड़ने पर प्लेन को गाइड करने के लिए पोर्टेबल लाइटिंग सिस्टम (Portable Lighting System) लगाए जा सकें.

कई देशों के पास है रोड रनवे की सुविधा

भारत में राेड रनवे के ऊपर कुछ साल पहले से ध्यान केंद्रित करना शुरु हुआ है. दुनिया के कई देश इसके ऊपर काम कर चुके हैं. इनमें अमेरिका, जर्मनी, चीन, पाकिस्तान, ताईवान, स्वीडन, पोलैंड, साउथ कोरिया, सिंगापुर आदि शामिल हैं. पाकिस्तान में इस्लामाबाद से लाहौर मोटरवे के एक हिस्से को रोड रनवे के रूप में विकसित किया गया है. भारत में कुछ साल पहले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के ऊपर मिराज जैसी फाइटर Aircraft को उतारा गया था. 1971 की लड़ाई के दौरान पाकिस्तान के फाइटर प्लेन आगरा के पास तक आ पहुंचे थे उन्हें भारतीय वायु सेना ने खदेड़ दिया था लेकिन उस समय यह महसूस किया गया था कि आगरा या ग्वालियर एयरबेस के पास ही फाइटर प्लेन उतारने की सुविधा होनी चाहिए. जानकारों का मानना है कि Highway बेहतर विकल्प बन सकते हैं.

पाकिस्तान भी भारत से आगे 

एयर वाइस मार्शल (Retired) और रक्षा विशेषज्ञ AK सिंह कहते हैं कि जब लड़ाई हाेती है तो दुश्मन एयरवेज को अपना Target बनाते हैं. ऐसे मेें हाईवे का प्रयोग Strike Option के रूप में भी किया जा सकता है. इस मामले में पाकिस्तान भी भारत से आगे हैं. दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे ही नहीं बल्कि सभी हाईवे को इस प्रकार विकसित करने पर जोर देना चाहिए जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर फाइटर प्लेन वहां पर Land कर सके.