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ग्राउंड रिपोर्ट: हरियाणा में मेवात के गांधी ग्राम की कहानी: 1947 में महात्मा गांधी यहां आए, मुस्लिमों का पाकिस्तान पलायन रोका

 
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चंडीगढ़। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का आज हरियाणा में दूसरा दिन है। नूंह के मलाब से राहुल गांधी की यात्रा शुरू हो गई है। यहां से राहुल फिरोजपुर नमक होते हुए 14 किलोमीटर पैदल चलकर शाम को चार बजे मेवात क्षेत्र के गांधीग्राम घासेड़ा पहुंचेंगे।

पहले दिन सैनिकों के बाद यात्रा के दूसरे दिन वीरवार को राहुल हरियाणा के किसानों से मुलाकात करेंगे। कल केंद्र सरकार ने कोरोना का खतरा देखते हुए यात्रा रोकने की अपील की थी लेकिन राहुल गांधी ने देर रात की सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इशारों में साफ किया कि उनकी यात्रा नहीं रुकेगी।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के अपडेट्स

  • मलाब से नूंह शहर तक यात्रा 14 किलोमीटर चली। इस दौरान राहुल गांधी ने रास्ते में कुछ बच्चों और महिलाओं से बातचीत की। बच्चों के मुताबिक राहुल गांधी ने उन्हें यही पूछा कि वह किस स्कूल में पढ़ते हैं।
  • बच्चों से राहुल गांधी ने उनके पसंदीदा विषय पूछे। बच्चों ने राहुल के इस अंदाज को काफी पंसद किया। उन्होंने इसे अपने जीवन का सबसे अच्छा पल बताया।
  • राहुल गांधी के साथ हरियाणा कांग्रेस के सीनियर नेता भूपेंद्र हुड्‌डा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा भी यात्रा में चल रही हैं।

राहुल गांधी ने नूंह शहर में बच्चों व महिलाओं के इस ग्रुप से बात की।

देर रात राहुल बोले- हरियाणा ने यात्रा को नई ऊर्जा दी
हरियाणा में पहले दिन की यात्रा पूरी करने के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि ये यात्रा मेरी नहीं, हर भारतीय के संघर्ष की कहानी है। हर उस देशवासी की दास्तान है जो एक उज्ज्वल भविष्य का ख़्वाब देखता है, अपने हालात से समझौता नहीं करता, उसे चुनौती देने का जज़्बा रखता है।

हरियाणा में महिलाओं से मिलते राहुल गांधी।

हरियाणा में महिलाओं से मिलते राहुल गांधी।

आज हमारी यात्रा को 105 दिन पूरे हुए। कई राज्यों की मिट्टी की ख़ुशबू समेट कर चल रहे हैं इन रास्तों में, सुख और दुःख बांटना सब बसा है हमारी यादों में। जब चलना शुरू किया था हमारे विरोधियों ने कई बातें बनाई। मगर हर राज्य के लोगों ने प्यार और समर्थन की नई मिसाल क़ायम की, हमें ये अहसास दिलाया कि आप अकेले नहीं हो, पूरा देश आपके साथ है।

ये तुम्हारा ही देश है, इसे छोड़कर कहां जाओगे, बस मेरे कहने पर रुक जाओ, तुम्हारी हर जरूरत की जिम्मेदारी मेरी... यह अपील राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 19 दिसंबर 1947 को उस वक्त की जब पूरे मेवात इलाके में रहने वाले मेव (मुस्लिम) पलायन कर पाकिस्तान की तरफ रुख कर रहे थे।

महात्मा गांधी खुद घासेड़ा गांव में पहुंचे थे। उनकी अपील का असर यह हुआ कि पलायन कर रहे लोगों के पांव वहीं ठहर गए। इस गांव को अब गांधी ग्राम से जाना जाता है। यह गांव एक बार फिर इसलिए चर्चा में है। इसकी वजह राहुल गांधी हैं, जो भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इस गांव में आ रहे हैं।

जिस जगह से खड़े होकर महात्मा गांधी ने अपील की थी, ठीक उसी जगह 22 दिसंबर को राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के तहत पहुंचेंगे और लोगों को संबोधित करेंगे।

मेवात के घासेड़ा गांव का गांधी ग्राउंड, जहां से महात्मा गांधी ने मार्मिक अपील की।

मेवात के घासेड़ा गांव का गांधी ग्राउंड, जहां से महात्मा गांधी ने मार्मिक अपील की।

क्यों है यह गांव इतना खास... पढ़िए पूरी कहानी

पाकिस्तान पलायन करने वाले थे मेव
बात 19 दिसंबर 1947 की बात है। मेवात मेव बाहुल्य इलाका था। देश के आजाद होने के बाद हरियाणा, राजस्थान और यूपी के साथ लगते इस इलाके में सांप्रदायिक दंगे होने लगे। जिससे मेवों ने खुद को असुरक्षित महसूस किया। उन्होंने पाकिस्तान की तरफ पलायन करने का फैसला कर लिया था।

इतना ही नहीं राजस्थान के अलवर जिले में रहने वाले मेव भी एकत्रित होकर काफिले के रूप में यहां से पलायन करने का मन बना चुके थे। उस समय पंजाब विधानसभा के सदस्य एवं मेवात निवासी चौधरी यासीन खान लोगों के इस फैसले के पूरी तरह खिलाफ थे। उन्होंने तुरंत इसको लेकर महात्मा गांधी से गुहार लगाई।

गांधी खुद अपने साथियों के साथ पहुंचे घासेड़ा
जैसे से ही महात्मा गांधी को पता चला तो वह पलवल के रास्ते सीधे गांव घासेड़ा में पलायन करने वाले लोगों के बीच पहुंचे। गांव के लोगों ने बताया कि महात्मा गांधी के पहुंचने से पहले पठान जत्थे की देखरेख में तीन काफिले पाकिस्तान की तरफ जा चुके थे। काफी सारे ऐसे जत्थे थे, जो रवाना होने की तैयारी में थे।

उस वक्त महात्मा गांधी के साथ 103 लोग पहुंचे थे, जिनमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के पिता स्वतंत्रता सेनानी रणबीर सिंह हुड्‌डा भी शामिल थे। उन्होंने सभी को गांव घासेड़ा के मैदान में एकत्रित किया और फिर देश नहीं छोड़ने की मार्मिक अपील की। गांधी की अपील का असर यह हुआ कि रवाना होने वाले लोगों के पांव वहीं ठहर गए।

20 हजार लोगों की भीड़ थी
ग्रामीणों ने बताया कि जिस वक्त महात्मा गांधी गांव घासेड़ा पहुंचे तो उस मैदान में 20 हजार लोगों की भीड़ पहुंच गई थी। महात्मा गांधी गांव के अंदर बनी एक चौपाल में भी गए। जहां उन्होंने गांव के बुजुर्गों से बात की। जिसके बाद पलायन वहीं के वहीं रुक गया। इसके बाद ही गांव घासेड़ा को गांधी ग्राम और उसमें बने मैदान को गांधी मैदान कहा जाने लगा।

हरियाणा के मेवात (नूंह) जिले के गांव घासेड़ा स्थित गांधी ग्राउंड, जहां अक्सर लोगों की चहल-पहल रहती है।

हरियाणा के मेवात (नूंह) जिले के गांव घासेड़ा स्थित गांधी ग्राउंड, जहां अक्सर लोगों की चहल-पहल रहती है।

दिल्ली से महज 60 किलोमीटर दूर
गुरुग्राम-नूंह रोड पर बसा यह गांव देश की राजधानी दिल्ली से महज 60 किलोमीटर दूर है। गांव की आबादी करीब 10 हजार है। यह गांव नूंह जिले में तो सबसे बड़ा है ही, इसके साथ ही हरियाणा के भी सबसे बड़े गांवों में शामिल है। यहां मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो कुछ खास नहीं है। गांव सरकारी स्कूल है। जिसमें हर कक्षा में 100 से ज्यादा बच्चे है, लेकिन अध्यापकों की कमी है।

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हरियाणा में पहले दिन की यात्रा पूरी करने के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि ये यात्रा मेरी नहीं, हर भारतीय के संघर्ष की कहानी है। हर उस देशवासी की दास्तान है जो एक उज्ज्वल भविष्य का ख़्वाब देखता है, अपने हालात से समझौता नहीं करता, उसे चुनौती देने का जज़्बा रखता है 

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7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा 105वें दिन राजस्थान के साथ लगते नूंह (मेवात) जिले में पड़ने वाले मुंडका बॉर्डर के जरिए हरियाणा में प्रवेश कर रही है। हरियाणा में यात्रा का यह पहला फेज है। जिसमें यात्रा 3 दिन में 3 जिलों से होकर गुजर रही है। हर जिले में एक दिन यात्रा का ठहराव होगा 

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