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हरियाणा में बेनीवाल को लेकर सियासत गरमाई, अजय चौटाला ने कप्तान को लेकर दिया ये बड़ा बयान

अजय चौटाला के बेटे दिग्विजय चौटाला ने कुछ दिन पहले मीनू बेनीवाल को बहिरुपिया बताया था। वह आदमपुर उपचुनाव में कांग्रेस और ऐलनाबाद में इनेलो के निशाने पर आ चुके हैं। अब अजय चौटाला का कहना है कि मीनू बेनीवाल उनके प्रिय हैं।

 
Haryana Politics

चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा व जजपा के बीच राजनीतिक गठजोड़ कराने में अहम भूमिका निभाने वाले मीनू बेनीवाल को लेकर सियासत तेज हो गई है। मीनू बेनीवाल ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के गांव तरकांवाली के रहने वाले हैं। उनका परिवार आस्ट्रेलिया में रहता है।

मीनू पिछले काफी समय से ऐलनाबाद में सरकारी व निजी तरीके से पब्लिक के काम करा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में दोफाड़ होने के बाद मीनू बेनीवाल जननायक जनता पार्टी के साथ आ गए थे। जजपा को प्रदेश में खड़ा करने से लेकर दस विधायकों की जीत के बाद भाजपा के साथ सरकार में शामिल कराने तक में उनकी भूमिका किसी से छिपी नहीं है।

मीनू बेनीवाल सबसे अधिक चर्चा में तब आए, जब जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने उन्हें पिछले दिनों बहिरुपिया बोल दिया था। दिग्विजय चौटाला के इस बयान पर सियासत को गरम करते हुए इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने चुटकी ली कि जजपा में एक बहरुपिया और है। इस दूसरे बहिरुपिये के संभावित नाम को लेकर प्रदेश में बहस छिड़ गई थी।

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला हालांकि मीनू पर दिए गए दिग्विजय के बयान से सहमत नहीं थे। अब जजपा अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डा. अजय सिंह चौटाला ने मीनू बेनीवाल को अपना अजीज (प्रिय) बताकर तमाम तरह की अटकलों को खारिज कर दिया है।

अजय सिंह चौटाला ने सोमवार को कहा कि यह बात सही है कि मीनू बेनीवाल ने जजपा में किसी पद पर रहते हुए कोई काम नहीं किया, लेकिन वह बिना पद के ही पार्टी के लिए समर्पित रूप से काम करते रहे। वह मेरे प्रिय हैं। हो सकता है कि दिग्विजय और मीनू के बीच आपस में कोई बात रही होगी। इसलिए दिग्विजय ने मीनू के प्रति ऐसी टिप्पणी की, लेकिन मुझे यह स्वीकार करने में किसी तरह की हिचक नहीं है कि मीनू बेनीवाल मेरा अपना है। उसने पार्टी के लिए अप्रत्यक्ष रूप से काम किया है।

बता दें, मीनू बेनीवाल को लेकर जजपा में विवाद की स्थिति इसलिए देखी गई, क्योंकि वह कई मोर्चों पर भारतीय जनता पार्टी खासकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनकी टीम के साथ भी काम करते देखे गए। मीनू अपने दमखम पर प्रधानमंत्री तक से मिल चुके हैं।

कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनके अच्छे रिश्ते हैं। सरकार में जब भी गठबंधन पर किसी तरह की आंच आती है, तभी वह दोनों दलों के बीच सूत्रधार का काम करने के लिए आगे आते देर नहीं लगाते। मीनू बेनीवाल चूंकि ऐलनाबाद में पूरी तरह से सक्रिय हैं, इसलिए कयास लगाए जाने लगे कि वह भाजपा के टिकट पर वहां से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि अभी ऐसा कोई संकेत भाजपा व जजपा दोनों ने नहीं दिया है।

ऐलनाबाद व आदमपुर उपचुनाव में किया सरकार के लिए काम

पिछले ऐलनाबाद और आदमपुर के उपचुनाव में मीनू बेनीवाल की काफी सक्रिय भूमिका रही है। इन दोनों चुनाव में उन्होंने रणनीतिकार की भूमिका निभाई। आदमपुर के कांग्रेस उम्मीदवार एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी व हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने तो बेनीवाल के खिलाफ बाकायदा प्रेस कान्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि उन्होंने धन-बल के बूते चुनाव बदल दिया, जिस कारण कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। मीनू अक्सर बंद शीशे की काली गाड़ी में पूरे दलबल और पूरी प्राइवेट व सरकारी सिक्योरिटी के साथ चलते हैं।

भाजपा व जजपा कार्यकर्ताओं का यह है असमंजस

भाजपा व जजपा के आम कार्यकर्ता को अब यह असमंजस रहने लगा है कि मीनू बेनीवाल किस दल के लिए काम कर रहे हैं। दिग्विजय के मीनू के प्रति दिए गए बयान को कुछ लोग ठीक उसी तरह से पारिवारिक विवाद से जोड़कर देख रहे हैं, जैसा कि पहले कभी इनेलो में विवाद था। इसके बावजूद दोनों दल भाजपा व जजपा उन्हें अपना मानकर चलते हैं। पहले सिर्फ जजपा के लिए काम करने वाले मीनू खुलकर यह स्वीकार नहीं करते कि वह किसी एक दल के साथ हैं या दोनों के साथ हैं, इसलिए वह अक्सर सुर्खियों और विवाद में रहते हैं।