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किसानों के पराली जलाने के मुद्दे पर पंजाब व हरियाणा के CM आमने-सामने, पढ़ें किसने क्या कहा

पंजाब व हरियाणा में इन दिनों किसान जमकर पराली जला रहे हैं। इस मुद्दे पर दोनों राज्य आमने-सामने हो गए हैं। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भाजपा सरकार पर पंजाब के किसानों को बदनाम करने का आरोप लगाया तो हरियाणा सीएम मनोहर लाल ने पलटवार किया।

 
CM Manohar Lal

चंडीगढ़। पराली के मुद्दे पर हरियाणा व पंजाब आमने-सामने हैं। पंजाब के CM Bhagwant Mann ने कहा कि पराली से प्रदूषण के लिए सिर्फ पंजाब जिम्मेदार नहीं है। हरियाणा में भी पराली जल रही है। पंजाब के मुकाबले हरियाणा के शहर ज्यादा प्रदूषित हैं। केंद्र की भाजपा सरकार जानबूझ कर पंजाब के किसानों को टारगेट कर रही है। भगवंत Bhagwant Mann के इस बयान पर हरियाणा के CM Manohar Lal ने पलटवार किया है। 

Manohar Lal ने कहा कि पराली जलाने का हल निकालने के बजाय पंजाब के मुख्यमंत्री आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं। वह किसानों को भड़का रहे हैं। उन्हें केंद्र सरकार पर अनर्गल आरोप लगाने के बजाय हरियाणा की तरह किसानों को राहत देकर पराली प्रबंधन करना चाहिए।

Manohar Lal ने कहा कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में इस साल 25 प्रतिशत की कमी आई है। इस साल अब तक हरियाणा में पराली जलाने की महज 2249 घटनाएं सामने आई हैं, जबकि पंजाब में इन घटनाओं में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पंजाब में अब तक पराली जलाने की 21 हजार 500 घटनाएं सामने आई हैं।

हरियाणा के सीएम ने कहा कि हरियाणा की तरह पंजाब को भी पराली प्रबंधन के इंतजाम करने चाहिए। हरियाणा सरकार द्वारा पराली न जलाने व पराली के उचित प्रबंधन के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का प्रविधान किया गया है। किसानों को पराली की गांठ बनाने के लिए 50 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि और पराली प्रबंधन के उपकरणों पर सब्सिडी दी जाती है।

हरियाणा में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरण 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेंटर पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। अगर किसान करनाल और पानीपत के इथेनाल प्लांट में पराली की गांठें बनाकर ले जाता है तो उन्हें दो हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। अगर किसान किसी गोशाला में पराली ले जाता है तो उसे 1500 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। रेड जोन क्षेत्र में पराली न जलाने पर पंचायत को सरकार 10 लाख रुपये तक पुरस्कार देती है। पिछले वर्ष पराली प्रबंधन के लिए सरकार ने 216 करोड़ का प्रविधान किया था।

पहले मुफ्त की घोषणाएं, फिर देखते केंद्र सरकार की ओर
मुख्यमंत्री Manohar Lal ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता पहले तो फ्री की घोषणाएं करते हैं और फिर उन्हें पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ देखते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले दिल्ली में प्रदूषण के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों को दोषी Bhagwant Mannते थे और अब यह दोष सिर्फ हरियाणा के किसानों पर लगाया जा रहा है। यही हाल दिल्ली में यमुना का है जिसमें प्रदूषण इतना ज्यादा है कि वह नाला बन कर रह गई है। आम आदमी पार्टी की सरकारों को चाहिए कि वह तुच्छ राजनीति करने की बजाए कुछ काम करके दिखाए ताकि जनता का भला हो सके।

पराली प्रबंधन में फेल पंजाब सरकार
Manohar Lal ने कहा कि पराली जलने की घटनाओं की मानिटिरिंग सेटेलाइट से होती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पंजाब सरकार राज्य में पराली प्रबंधन में पूरी तरह से फेल हुई है। अब वह अपनी नाकामी का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ रही है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। पंजाब सरकार को किसानों को पराली न जलाने के लिए हरियाणा की भांति प्रोत्साहित राशि देनी चाहिए न कि उसे केंद्र सरकार या किसी और पर निर्भर रहना चाहिए।

Bhagwant Mann बोले- भाजपा का मकसद पंजाब के किसानों को बदनाम करना

भगवंत Bhagwant Mann ने कहा कि पिछले कई दिनों से पराली पर प्रदूषण की राजनीति हो रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र की भाजपा सरकार मदद करने के बजाय पंजाब के किसानों को बदनाम कर रही है, जबकि हरियाणा-यूपी के शहर प्रदूषित शहरों की सूची में हैं। फसल लेते वक्त पंजाब का किसान अन्नदाता बन जाता है, जबकि अन्न लेने के बाद किसानों को खरीखोटी सुनाई जा रही है।

Bhagwant Mann ने कहा कि केंद्र सरकार बात-बात पर पंजाब के किसानों को दोषी ठहराती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या पराली सिर्फ दिल्ली व पंजाब में ही जल रही है। एयर क्वालिटी इंडेक्स में हरियाणा का फरीदाबाद नंबर वन है। इसके अलावा मानेसर, ग्वालियर, गुरुग्राम, सोनीपत, भोपाल, पानीपत, कोटा, करनाल, रोहतक, हिसार, जोधपुर, इंदौर, मेरठ, जयपुर, चंडीगढ़, जबलपुर, पटना, आगरा, बद्दी, उदयपुर की हवा खराब हो रही है। क्या इस सबके लिए पंजाब का किसान जिम्मेदार हैं।

भगवंत Bhagwant Mann ने कहा कि जब पंजाब ने पराली के स्थायी समाधान के लिए प्रस्ताव दिया तो केंद्र सरकार ने इसमें मदद नहीं की। केंद्र किसानों के आंदोलन के कारण पंजाब के किसानों से सौतेला व्यवहार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली का मुद्दा कई वर्षों से गंभीर है। राज्य सरकार भी इससे चिंतित है, लेकिन केंद्र सरकार हर रोज पराली के मुद्दे पर दिल्ली व पंजाब सरकार को खरी-खोटी सुना रही है।

Bhagwant Mann ने कहा कि कहा जा रहा है कि पंजाब के किसान पराली क्यों जला रहे हैं। Bhagwant Mann ने कहा राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को कई महीने पहले इसका हल दिया था कि। केंद्र को प्रति एकड़ 1500 रुपये किसानों को पराली के निस्तारण के लिए मदद करे। राज्य सरकार भी इसमें राशि देगी, लेकिन केंद्र ने राज्य के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ने एक और सुझाव दिया था उसे भी ठुकरा दिया गया।

सीएम Bhagwant Mann ने कहा कि पंजाब का किसान खुद पराली को आग नहीं लगाना चाहता। उसे पता है कि इसके धुएं से उसके परिवार, गांव, प्रदेश व देश को नुकसान है। राज्य सरकार ने किसानों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। उन्हें जागरूक किया। अभी हमारी नई सरकार बनी है। हम धीरे-धीरे किसानों को जागरूक करेंगे। किसानों को पराली को लेकर सवा लाख के करीब मशीनें भी दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोशिश की जा रही है कि किसानों को दूसरी फसलें लगाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।