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करवा चौथ का व्रत जीवन की दूर करता है परेशानियां, इस दिन करना न भूलें ये 10 काम

करवा चौथ 2022: करवा चौथ को ऐसा व्रत माना जाता है जो दांपत्य जीवन में खुशियां लाता है। यह व्रत उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, जिन्होंने अपने वैवाहिक जीवन में कलह और तनाव की स्थिति पैदा कर दी है।
 
Karwa Chauth 2022

Karwa Chauth 2022: करवा चौथ का व्रत विशेष माना जाता है। करवा चौथ व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। सुहागिन इस व्रत को बिना जल के रख कर पूरा करती हैं। यह व्रत दांपत्य जीवन में खुशियां लाने के लिए भी कहा जाता है। हालांकि यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है, लेकिन यह व्रत वैवाहिक जीवन में प्रेम, सद्भाव और समर्पण की भावना को भी बढ़ाता है। यह व्रत दांपत्य जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में भी सहायक माना जाता है।

करवा चौथ की पौराणिक कथा
करवा चौथ कथा के अनुसार, जब देवताओं और राक्षसों के बीच एक भयंकर युद्ध शुरू हुआ, तो ब्रह्मा जी ने देवताओं की पत्नियों से करवा चौथ का व्रत रखने को कहा। ऐसा माना जाता है कि तभी से करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा शुरू हुई। एक अन्य कथा के अनुसार पार्वती जी ने भी शिव को प्राप्त करने के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। इस व्रत के बाद उनकी मनोकामना पूरी हुई।

करवा चौथ व्रत कब है (करवा चौथ 2022 की तिथि)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार करवा चौथ का व्रत कृष्ण पक्ष की कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाएगा. इस वर्ष यानि 2022 में कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर 2022 को दोपहर 1:59 बजे से प्रारंभ होगी। एम। और 14 अक्टूबर को सुबह 3:8 बजे समाप्त होगा। एम।

उदयतिथि के नियमानुसार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को ही रखना चाहिए। इसके अलावा 13 अक्टूबर 2022 को चतुर्थी तिथि में चंद्रोदयापिनी मुहूर्त का आयोजन किया जाएगा। इसलिए भी इस दिन करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए।


करवा चौथ चंद्रोदय का समय (करवा चौथ का चंद्रमा समय आज) - रात - 08 से 09 मिनट

करवा चौथ को भूलकर भी न करें ये काम

आप नाराज मत होना।
अहंकार से दूर रहें।
दूसरों की निन्दा न करें।
एक दूसरे का अनादर न करें।
कटु वचन न बोलें।
हिंसा से दूर रहें।
विवादास्पद स्थिति उत्पन्न न होने दें।
आपस में तुलना न करें।
सेहत के प्रति लापरवाही न बरतें।
हर तरह की नकारात्मकता से दूर रहें।