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हरियाणा के इन तीन बड़े हाईवे से यात्रा बेहद खतरनाक, हालात मौत के सफर जैसा

 
Road Safety

चंडीगढ़। Road Safety:  हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ से दिल्ली जाने के लिए मुख्य जीटी रोड की अति व्यस्तता के कारण ने केंद्र सरकार के सहयोग से तीन बड़े हाईवे बनाए हैं। ये तीन हाईवे हरियाणा को दिल्‍ली , राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश से जाेड़ते हैंं।  वाहन चालकोंं के लिए यात्रा को आसान बनाने के उद्देश्‍य से बनाए गए ये हाईवे सुविधाओं की कमी और अन्‍य खामियों के कारण बेहद खतरनाक साबित हो गए हैं। ऐसे में इनसे होकर यात्रा कई बार मौत का सफर बन जाती है। 

ये तीन बड़े हाईवे हैं केएमपी , एनएन152डी और केजीपी 

इन हाईवे में पहला है कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे, जो 135.6 किलोमीटर लंबा और इस पर छह लेन का परिचालन है। दूसरा, 227 किलोमीटर लंबा छह लेन का नेशनल हाईवे जिसका नाम एनएच-152डी है। हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को जोड़ने वाला यह नेशनल हाईवे नारनौल बाइपास के मांदी गांव से शुरू होकर सीधे अंबाला तक आता है। तीसरा, हाईवे कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) एक्सप्रेस वे है, जो दिल्ली व उत्तर प्रदेश को हरियाणा से जोड़ता है।

इन तीन हाईवे के बनने से मुख्‍य जीटी रोड पर ट्रैफिक का भार कम हुआ

इन तीन बड़े एक्सप्रेस वे की जरूरत इसलिए महसूस की गई थी, क्योंकि मुख्य जीटी रोड पर हमेशा यातायात का दबाव रहता था और हर रोज सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी। इससे भी अधिक जरूरत यह थी कि देश की राजधानी दिल्ली पर यातायात व प्रदूषण का दबाव कम होने का नाम नहीं ले रहा था।

चंडीगढ़-करनाल-पानीपत-दिल्‍ली को जाेड़ने वाले जीटी रोड पर अतिक्रमण सहित कई समस्‍याएं

इन तीनों एक्सप्रेस वे बनने के बाद मुख्य जीटी रोड व दिल्ली में यातायात के दबाव की समस्या तो काफी कम हुई, लेकिन नए एक्सप्रेस वे पर सफर करने वाले यात्रियों और वाहन चालकों की समस्याएं बढ़ गई हैं। इससे भी अलग, चंडीगढ़-करनाल-पानीपत-दिल्ली को जोड़ने वाले जीटी रोड पर अवैध ढाबों के अतिक्रमण और गहरे गड्डों के साथ सड़क निर्माण के रुके हुए कार्यों ने सफर को बहुत मुश्किल बना दिया है। यह स्थिति तब है, जब इस रोड पर यातायात पुलिस के थाने मौजूद हैं।

नेशनल हाईवे 152-डी पर कोई मेडिकल, कैमरे और डाइवर्जन की सुविधा नहीं

दो बार मुझे चंडीगढ़ से राजस्थान के श्रीश्याम खाटू जी मंदिर जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। चंडीगढ़ से बाहर निकलते ही जीरकपुर और डेराबसी (दोनों पंजाब के क्षेत्र) में सड़क निर्माण का काम चल रहा है। सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हैं। कोई पुलिस वाला यातायात को नियंत्रित करते हुए दिखाई नहीं देता। वाहन चालक कई घंटों तक इस जाम में फंसे रहते हैं। किसी तरह जाम से निकलने के बाद अंबाला से हिसार-नारनौल को रास्ता जाता है, जो बेहद साफ-सुथरा है।

पेहवा के बाद एक रास्ता हिसार चला जाता है और दूसरा नारनौल के लिए निकल पड़ता है। दोनों स्थानों से श्रीश्याम खाटू जी जाया जा सकता है। सबसे पहले, नारनौल जाने वाले नेशनल हाईवे-152डी की बात करते हैं। इस रोड पर अभी तक स्पीड जांचने वाले कैमरे चालू नहीं हुए हैं, जिस कारण गाड़ियां निर्धारित 120 किलोमीटर प्रति घंटा की बजाय 140 और 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलते हुए देखी गई हैं।

दुर्घटनाग्रस्त हो गए तो अस्पताल ले जाने वाला कोई नहीं

नेशनल हाईवे-152डी पर कोई चेतावनी संकेतक नहीं है और न ही आसपास कोई कट है। यदि गलती से आप गलत रूट पर चढ़ गए तो जब तक अगला टोल बैरियर नहीं आता, तब तक आप वापस नहीं मुड सकते। इस रोड पर कोई यातायात पुलिस वाला, पुलिस की गाड़ी अथवा चेक पोस्ट नहीं है। लेन के बायीं और दाय़ीं तरफ रेस्ट रूम और इटिंग प्वाइंट बनाए गए हैं, लेकिन कुछ चालू हुए हैं तो अधिकतर अभी चालू नहीं हो पाए हैं।

इस मार्ग पर आसपास शौचालय की व्यवस्था नहीं है। यदि आप दुर्घटनाग्रस्त हो गए तो अस्पताल पहुंचाने वाला भी शायद ही कोई नजर आए। रात में सफर करते समय सिक्स लेन के दोनों तरफ सिर्फ उन्हीं स्थानों पर लाइट का बंदोबस्त है, जहां टोल बैरियर आने वाला होता है। यूं कह सकते हैं कि एंट्री एग्जिट, अहम साइनेज (चेतावनी बोर्ड), डाइवर्जन पर सुरक्षा के मानक, पानी का इंतजाम और पेट्रोल पंप की जरूरत संबंधी तमाम चीजों की अनदेखी नेशनल हाईवे-152डी पर हो रही हैं, लेकिन कोई देखने, सोचने और समझने वाला नहीं है।

केएमपी पर लाइट के अभाव में दुर्घटनाएं होना तय

कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस पर तो सफर करने का मतलब है कि जान जोखिम में डालकर चलना। इस रोड पर सर्दियों में सफर करना आसान नहीं है। बड़े वाहन लेन में बिल्कुल नहीं चलते। इस रोड पर भी कैमरे, लाइट, पानी, फर्स्ट एड, शौचालय और पेट्रोल पंप का कोई इंतजाम नहीं है। केएमपी पर सड़कों में गड्ढे हो गए और कई स्थानों पर सड़क बैठ चुकी है। हालांकि इस रोड का निर्माण करने वाली कंपनी को पूरा भुगतान किया जा चुका है, लेकिन जरूरी सुविधाओं की अनदेखी और रोड में पड़े गड्ढों पर उससे आज तक जवाब नहीं मांगा गया है।

लाइट के अभाव में दुर्घटनाएं होना तय हैं। समस्या और दुर्घटनाएं बढ़ती देख सरकार ने अब एक प्राइवेट कंपनी को इस रोड का आडिट कर खामियों को दूर करने का काम दिया है, लेकिन सफर के दौरान जरूरत वाली सभी सुविधाओं की अनदेखी के कारण केएमपी का सफर आसान नहीं बल्कि मुश्किल व खतरों से भरा हुआ है।

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सुगम और सुरक्षित सफर के लिए मजबूत किया सड़क तंत्र : सीएम

'' आमजन को सुगम और निर्बाध आवागमन की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार सड़क तंत्र को मजबूत कर रही है। प्रदेश सरकार के अनुरोध पर केंद्र ने 17 नए राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए हैं जिनमें से सात का कार्य पूरा हो चुका है। 10 पर कार्य प्रगति पर है। करीब आठ हजार करोड़ रुपये खर्च कर 18 हजार 470 किलोमीटर लंबी सड़कों का सुधार किया गया है। नए बने राजमार्गों पर वाहन चालकों के लिए शौचालय, पार्किंग स्थल और टायर पंचर की दुकानों के साथ ही चाय-काफी व नाश्ते के लिए सेंटरों की व्यवस्था की जा रही है। पेट्रोल पंपों पर तेल, हवा, पीने के पानी, एटीएम की सुविधा मिल सकेगी।