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जींद में विजिलेंस की रेड, उचाना एसडीएम का रीडर रिश्‍वत लेते पकड़ा, लाइसेंस के लिए मांगी थी रिश्‍वत

ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के नाम पर पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते उचाना एसडीएम कार्यालय का रीडर पकड़ा गया। विजलेंस की टीम ने कार्रवाई की। वर्ष 2018 में ड्राइविंग के लर्नर लाइसेंस बनवाया था। एसडीएम का रीडर ने फिर से लाइसेंस अप्‍लाई के नाम पर रिश्‍वत मांगी।

 
जींद में विजिलेंस

सतर्कता विभाग की टीम ने सोमवार को उचाना एसडीएम कार्यालय के रीडर को ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के नाम पर पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। सतर्कता विभाग की टीम ने आरोपित के खिलाफ आबकारी एवं कराधान अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।

गांव अलीपुरा निवासी प्रवेश ने सतर्कता विभाग को दी शिकायत में बताया कि उसने वर्ष 2018 में ड्राइविंग के लर्नर लाइसेंस बनवाया था। छह माह के बाद लाइसेंस के लिए दोबारा फाइल अप्लाई करनी थी, लेकिन वह उस समय अप्लाई नहीं कर पाया। अब जब उसने डीएल बनवाने के लिए आनलाइन अप्लाई किया तो एसडीएम उचाना के रीडर संजीव सैनी ने उसको आगे भेजने के लिए दस हजार रुपये की डिमांड की। उसने पांच हजार रुपये पहले दे दिए, लेकिन इसके बाद भी आगे नहीं बढ़ाया और पहले बकाया पांच हजार रुपये देने के लिए कहा। उससे परेशान होकर उसने सतर्कता विभाग की टीम को शिकायत दी।

सर्तकता विभाग की टीम ने शिकायत मिलने पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. सुरेंद्र मलिक को बनाया गया। जहां पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर व पाउंडर लगाए हुए पांच-पांच सौ रुपये के दस नोट दे दिए। इसके बाद प्रवेश ने रीडर संजीव सैनी से संपर्क किया तो उसने उचाना एसडीएम कार्यालय में आने के लिए कहा। इस पर सतर्कता विभाग की टीम ड्यूटी मजिस्ट्रेट को साथ लेकर उचाना एसडीएम कार्यालय में पहुंच गई। जैसे ही उसने पांच हजार रुपये दिए और इशारा मिलते ही विजिलेंस की टीम ने उसे पकड़ लिया।

जब उसकी तलाशी ली तो उसकी जेब से पांच हजार रुपये बरामद हुए। सतर्कता विभाग करनाल में तैनात इंस्पेक्टर किरण ने बताया कि एसडीएम कार्यालय के रीडर संजीव सैनी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। बताया जाता है कि आरोपित रीडर पहले भी जमीन की रजिस्ट्री के फर्जीवाड़े के मामले में जेल जा चुका है और पिछले दिनों ही जमानत पर बाहर आया था।