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Stubble Burning: पराली जाने वाले किसानों पर प्रशासन हुआ सख्त, येलो ज़ोन में रखे गए यमुनानगर ज़िले के 28 गांव

 
Stubble Burning: पराली जाने वाले किसानों पर प्रशासन हुआ सख्त, येलो ज़ोन में रखे गए यमुनानगर ज़िले के 28 गांव

Delhi: हरियाणा में पराली जलाने की समस्या आज की नहीं है। लंबे समय से हर साल सर्दियों के सीजन में पराली जलाने की समस्या का सामना करना पड़ता है जिससे प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ जाता है और दिन के समय भी विजिबिलिटी बेहद कम हो जाती है। दिल्ली एनसीआर में तो वायु की गुणवत्ता बद से बदत्तर हो जाती है। हर बार हरियाणा के किसानों को भी पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जाता है।

लेकिन इसके बावजूद हर साल पराली जलाने के मामले सामने आते हैं। लेकिन इस बार सरकार ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। इसलिए किसानों को भी पहले से ही सतर्क किया जा रहा है। यमुनानगर के भी 28 गांवों को येलो ज़ोन में रखा गया है जहां कड़ी निगरानी की जाने वाली है।

इस बार सैटेलाइट से की जाने वाली है निगरानी हर साल किसानों को पराली जलाने के लिए मना किया जाता है लेकिन कई किसान बिल्कुल नहीं मानते हैं और पराली को जला देते हैं जिससे प्रदूषण काफी बढ़ जाता है।

लेकिन यमुनानगर प्रशासन ने इस बार किसानों से सख्ती से निपटने के फैसला किया है। इसके लिए इंतेजाम भी कर लिए गए हैं। बताया जा रहा है कि यमुनानगर के 28 गांवों को भी येलो ज़ोन में रखा गया है।

यहाँ कड़ी निगरानी कि जाएगी। निगरानी के लिए सैटेलाइट की मदद भी ली जाने वाली है। हालांकि ज़िले का कोई भी गाँव रेड ज़ोन में नहीं हैं। लेकिन प्रशासन सभी गांवों को ग्रीन ज़ोन में लाना चाहता है।

हालांकि हर साल पराली जलाने के मामले में लाखों के चालान होते हैं। लेकिन विभाग इस बार चाहता है कि इस तरह का कोई भी केस सामने न आए। इसलिए पहले से ही तैयारियों को शुरू कर दिया गया है।

इस तरह से किया जाएगा किसानों को जागरूक 28 गांवों में बिलासपुर के 6, रादौर के 12, सरस्वती नगर के 4, छछरौली के 5 और सधौरा के 1 गाँव को शामिल किया गया है। इन गांवों में विशेष जागरूकता अभियान भी चलाया जाने वाला है।

यहाँ फसल अवशेष प्रबंधन का संदेश देने के लिए कृषि एवं कल्याण विभाग की ओर से वाहन भेजा जाएगा। वहीं किसान गोष्ठी का आयोजन भी किया जाने वाला है। कई जगहों की दीवारों पर भी जागरूक करने वाले नारे लिखे जाएंगे।