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हरियाणा में प्याज किसानों को हो रहा डबल मुनाफा, इस खास तकनीक से हो रही खेती

 
Cultivation of onion

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा के करनाल जिले के नीलोखेड़ी क्षेत्र में एक किसान उत्पादक समूह ने नई तकनीकों का उपयोग करके खरीफ प्याज की फसल (Kharif Onion Crop) में अनूठी सफलता हासिल की है। इस प्रयास में सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों (Micro irrigation systems) और मल्चिंग सीटों का उचित उपयोग करके, किसानों ने न केवल पानी बचाया है, बल्कि फसल को कवक और अन्य बीमारियों से भी छुटकारा दिलाया है। इस प्रयास से न केवल किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है, बल्कि उन्हें गेहूं और धान से अधिक आय अर्जित करने का अवसर भी मिल रहा है।

सूक्ष्म सिंचाई एवं मल्चिंग सीट

नीलोखेड़ी में किसानों ने एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 50 एकड़ भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई और मल्चिंग सीट तकनीक का उपयोग करके खरीफ प्याज की फसल तैयार करना शुरू कर दिया है. सूक्ष्म सिंचाई से पानी की बचत (Water saving) हो रही है, जबकि मल्चिंग सीट तकनीक से खरपतवार और अन्य अवांछित घासों को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया जा रहा है। यह तकनीक प्याज की फसल (Onion crop) में फंगस के खतरे को भी खत्म कर देती है, जिससे किसान नुकसान से बच जाते हैं।

परियोजना के सकारात्मक परिणाम

नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक ने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत किसानों के साथ दो साल का समझौता किया गया है और इससे उन्हें बेहतर तकनीकी ज्ञान मिल रहा है. केंद्र और हरियाणा सरकार (Government of Haryana) भी किसानों को फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस प्रयास से प्याज की खेती में सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं और किसानों को गेहूं और धान से अधिक आय हो रही है।

फायदे का सौदा

नीलोखेड़ी के कृषक उत्पादक समूह के प्रधान डाॅ. सरदार सिंह ने कहा कि खरीफ प्याज की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है. खरीफ सीजन में प्याज की बढ़ती कीमतों (Onion Price) के दौरान कालाबाजारी पर रोक लगेगी और किसानों को अच्छा मुनाफा मिलेगा.

उनके मुताबिक, रबी सीजन का प्याज 70-100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि खरीफ सीजन का प्याज 35-40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इसके अलावा, सितंबर-अक्टूबर के दौरान पुराने प्याज का स्टॉक खत्म होने पर व्यापारी खरीफ प्याज को महंगे दामों पर बेचते हैं, जिससे किसानों को भारी मुनाफा भी हो रहा है।

नाबार्ड के साथ

नाबार्ड किसानों को प्रौद्योगिकियों का बेहतर उपयोग करने और अच्छी खेती करने में भी मदद कर रहा है। नाबार्ड ने 50 एकड़ जमीन पर खरीफ प्याज की फसल तैयार करने के लिए समूह के साथ दो साल का समझौता किया है. यह साझेदारी किसानों को न केवल प्याज की फसल से, बल्कि बैंगन, शिमला मिर्च और अन्य सब्जियों की फसलों से भी अतिरिक्त आय प्रदान कर सकती है।