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सिरसा में धोखाधड़ी मामले में बड़ा खुलासा, फर्जी दस्तावेजों से ली जमानत, चेक बाउंस का चल रहा है केस

 
Sirsa Court Check Bounce Case

Sirsa News: हरियाणा के सिरसा क्षेत्र में हाल ही में हुई एक घटना से अपराधियों की चालाकी और अदालत की सुरक्षा व्यवस्था की महत्ता का पता चलता है. इस मामले में, एक आरोपी ने अदालत में फर्जी दस्तावेज और जमानत प्रमाण पत्र जमा करके अपनी जमानत प्राप्त कर ली, जबकि दस्तावेज वास्तव में फर्जी थे।

फर्जी दस्तावेजों का खुलासा

कोर्ट के संज्ञान में आने के बाद दोषी ने जमानत के लिए दस्तावेज जमा किए थे, जो जांच के दायरे में आ गए। जांच में सभी दस्तावेज और सिक्योरिटी फर्जी पाए गए, जिससे मामले में मुश्किलें बढ़ गई हैं।

आरोपी और उसके फर्जी कारनामे

आरोपी संजीव संजीव कुमार आहूजा पर धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज तैयार करने और अदालत को गुमराह करने का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला किसी भी समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और इसे सामाजिक व्यवस्था के उल्लंघन के रूप में देखा जा सकता है।

चेक बाउंस का मामला

सिरसा की विशेष अदालत के रीडर ने शिकायत में कहा कि वर्ष 2019 में चेक बाउंस के मामले में आरोपी संजीव कुमार आहूजा के खिलाफ अदालत में केस विचाराधीन है। वह इस मामले में अदालत में पेश नहीं हुआ था, जिसके बाद अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था और पुलिस ने उसके खिलाफ अदालत के आदेश की अनदेखी का मामला दर्ज किया था.

आरोपियों की जमानत और फर्जी दस्तावेज

आरोपी संजीव कुमार ने 7 जून, 2022 को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था और 50,000 रुपये का निजी जमानत बांड पेश किया था। ऐसा लगता है कि उसके इरादे सही थे, लेकिन उसने जमानत पाने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया था.

बसंत लाल की जमानत की कहानी

बठिंडा निवासी बसंत लाल जमानत के लिए अदालत में पेश हुए थे। बसंत लाल ने वर्ष 2016-17 के लिए गांव पट्टी गिल, तहसील बठिंडा की जमाबंदी जमा की, जिसमें संपत्ति उनके नाम पर दर्ज की गई थी। इसी जमानत के आधार पर कोर्ट ने आरोपी संजीव कुमार को जमानत दे दी थी, लेकिन बाद में सच्चाई सामने आ गई.

फर्जी जमानत की गंभीर तलाश

बाद में अदालत ने पाया कि जमानतदार का आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज जाली थे। इसके बाद अदालत ने बठिंडा के तहसीलदार से रिपोर्ट मांगी और पाया कि दस्तावेजों में दर्ज पते पर बसंत लाल नाम का कोई व्यक्ति नहीं रह रहा है। यह घोषणा की गई कि जमानत का आधार फर्जी होने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई

हुडा थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने बताया कि संजीव कुमार और जमानतदार बसंत के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह सामने आया है कि उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें धोखाधड़ी, दस्तावेजों की जालसाजी और कानूनी हस्तक्षेप के आरोप शामिल हैं।