हरियाणा की सांसें घोंट रहा पंजाब का धुआं, दो दिन में पराली जलाने के 2098 केस, जानें खास रिपोर्ट
पंजाब के संगरूर जिले के पास स्थित जींद में सोमवार को सबसे अधिक प्रदूषण का आंकड़ा दर्ज किया गया, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 416 तक पहुंच गया। पंजाब में सोमवार को लगातार दूसरे दिन पराली जलाने के 1,030 मामले दर्ज किए गए। इससे पता चलता है कि पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं और इसका पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है.
हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ने के कारण हरियाणा के शहरों की हवा खराब हो रही है। नतीजा ये हुआ कि हरियाणा के कई शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. इस लेख में हम आपको इस चिंताजनक स्थिति से अवगत कराएंगे और इसके समाधान के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे।
पंजाब में पराली जलाने के मामले
पंजाब के संगरूर जिले के पास स्थित जींद में सोमवार को सबसे अधिक प्रदूषण का आंकड़ा दर्ज किया गया, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 416 तक पहुंच गया। पंजाब में सोमवार को लगातार दूसरे दिन पराली जलाने के 1,030 मामले दर्ज किए गए। इससे पता चलता है कि पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं और इसका पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है.
पंजाब का संगरूर जिला पराली जलाने के मामले में सबसे आगे है और इसका वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 416 के करीब है। इससे प्रदूषण में भारी बढ़ोतरी हो रही है, जिसका स्थानीय लोगों पर बुरा असर पड़ रहा है.
जींद में हालात सबसे गंभीर
शहर का AQI
जीन्द 416
बहादुरगढ़ 362
भिवानी 330
कैथल 332
करनाल 303
रोहतक 314
खराब हवा से बढ़ी बीमार लोगों की परेशानी
जींद की आबोहवा ऐसी है कि यह स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार बना सकती है। मौसम में बदलाव के बीच बिगड़ती हवा ने बीमारों की परेशानी बढ़ा दी है। पराली जलाने, उद्योगों और वाहनों के धुएं के अलावा कई अन्य कारणों से हवा जहरीली हो रही है।
सोमवार को हिसार समेत कई शहरों में स्मॉग महसूस किया गया. इससे कई जगहों पर आंखों में जलन होने के साथ-साथ सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी। डॉक्टरों ने लोगों को ऐसे मौसम से दूर रहने की सलाह दी है.
पंजाब में दो दिन में पराली जलाने के 2098 मामले
तुलनात्मक रूप से, पंजाब में केवल दो दिनों में पराली जलाने के 2,098 मामले सामने आए, जबकि हरियाणा में इस सीजन में अब तक पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या 1,146 है। हरियाणा में इस साल अब तक पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी कम मामले सामने आए हैं। प्रदेश में जींद समेत पांच शहर ऐसे हैं, जिनका AQI पार हो गया है