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दिवाली पर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, दाल, प्याज समेत इन चीजों के घटाए दाम

दिवाली और त्योहार में महंगाई: उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्यों को बेहद कम कीमत पर दाल उपलब्ध कराने का ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने दालों की कीमत में 8 रुपये की कटौती की है और राज्यों को उसी कीमत पर दाल उपलब्ध करा रही है।
 
Inflation on Diwali

Inflation on Diwali and Festival: दिवाली से ठीक पहले सरकार ने आम जनता को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने अब अपने उपभोक्ताओं को सस्ता खाना उपलब्ध कराने का जबरदस्त ऐलान किया है. सरकार ने घोषणा की है कि वह सस्ती कीमतों पर दाल और प्याज उपलब्ध कराएगी। उपभोक्ता मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि दिवाली पर खाने-पीने की चीजों की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है.

सरकार का बड़ा फैसला

खपत मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्यों को बेहद कम कीमत पर दाल की आपूर्ति करने का ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने दालों की कीमत में 8 रुपये की कटौती की है और राज्यों को उसी कीमत पर दाल उपलब्ध करा रही है ताकि उपभोक्ताओं तक खाद्यान्न सस्ता पहुंच सके। और जनता को त्योहार पर बढ़ती महंगाई से राहत मिल सकती है।

इसके अलावा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए प्याज की कीमतों में कटौती की है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, बाजार में प्याज की किल्लत से बचने के लिए सरकार त्योहारों पर बफर स्टॉक से प्याज मुहैया कराती है.

सरकार के पास है स्‍टॉक

सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार के पास फिलहाल करीब 43 टन दाल का भंडार है. त्योहारों से पहले ही सरकार ने राज्यों को सस्ती कीमतों पर दाल उपलब्ध करा दी थी। हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार अब तक राज्यों को 88,000 टन दाल पहुंचा चुकी है। सरकार ने मसूर दाल के एमएसपी में 500 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की। इसके बाद दाल का एमएसपी 5,500 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये कर दिया गया। यानी सरकार किसानों के हित के बारे में भी सोच रही है.

सरकार करती है दाल आयात 

गौरतलब है कि भारत उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए दालों का आयात करता है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022 से 2026 तक हर साल म्यांमार से 2.5 लाख टन उडक और 1 लाख टन अरहर दाल का आयात किया जाएगा। इसके अलावा, अगले पांच वर्षों में दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका के एक देश मलावी से भी 50,000 टन अरहर दाल का आयात किया जाएगा।