IAS Garima Agrawal: IIT से इंजीनियरिंग और जर्मनी में इंटर्नशिप, लेकिन नहीं आया मजा फिर दिया UPSC और बन गईं आईएएस
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IAS Garima Agrawal Success story: भारतीय प्रशासनिक सेवा विभाग को देश की नौकरशाही में सबसे प्रभावशाली विभाग माना जाता है। इस विभाग के तहत उम्मीदवारों को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में काम करने का मौका मिलता है। जिला स्तर पर, वह विभिन्न प्राधिकरणों में जिला मजिस्ट्रेट और आयुक्त के पद पर हैं। और इसीलिए हर साल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में लाखों उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाते हैं और यह सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है।
वैसे तो सफलता हर किसी को नहीं मिलती, लेकिन कुछ होनहार उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं, जो अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर लेते हैं। आईएएस अधिकारी गरिमा अग्रवाल ऐसी ही एक उम्मीदवार हैं।
मध्य प्रदेश के खरगोन की गरिमा ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी पास कर आईपीएस रैंक हासिल कर ली थी, लेकिन उनका लक्ष्य कुछ और ही था। इसलिए उन्होंने दोबारा तैयारी की और दूसरे प्रयास में आईएएस बनने का सपना पूरा किया। आज हम आपको उनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं।
गरिमा ने सरस्वती विद्या मंदिर, खरगोन से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। वह बचपन से ही होशियार थी। उनकी बड़ी बहन प्रीती अग्रवाल ने भी 2013 में भारतीय डाक सेवा परीक्षा पास की थी। गरिमा ने स्कूली जीवन से लेकर यूपीएससी सिविल सेवा तक हर क्षेत्र में सफलता हासिल की।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठने से पहले, गरिमा ने आईआईटी हैदराबाद से स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने जर्मनी में इंटर्नशिप की। गरिमा ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 240वीं रैंक हासिल की। हालांकि, वह संतुष्ट नहीं हुई और फिर से तैयारी शुरू कर दी। अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने 40वीं रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया उन्होंने 2019-2020 में मसूरी में अपना प्रशिक्षण पूरा किया।
गरिमा ने अपना सक्सेस मंत्र शेयर किया और यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को कई टिप्स दिए। गरिमा के मुताबिक, यूपीएससी की प्री-एग्जाम, मेंस और इंटरव्यू की तैयारी साथ-साथ करनी चाहिए।