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हरियाणा में फिर रफ्तार पकड़ेगा मॉनसून, इस दिन से झमाझम बारिश के आसार

 
हरियाणा में फिर रफ्तार पकड़ेगा मॉनसून, इस दिन से झमाझम बारिश के आसार

Haryana Weather Update | मानसून की बारिश का इंतजार कर रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है. मौसम वैज्ञानिकों ने बताया है कि 21 जुलाई के बाद हरियाणा में अच्छी बारिश देखने को मिलेगी. उन्होंने बताया कि भले ही अरब सागर की तरफ से आने वाली मानसूनी हवाओं से प्रदेश में बारिश हो रही थी लेकिन ये बंगाल की खाड़ी की तरफ से आने वाली हवाओं में गतिरोध पैदा कर रही थी जिसके चलते उम्मीद के अनुरूप बारिश नहीं हो पा रही है. मगर 21 जुलाई के बाद बंगाल की खाड़ी की तरफ से आने वाली मानसूनी हवाओं के लिए रास्ता साफ हो जाएगा और प्रदेश में फिर से झमाझम बारिश होगी.

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि मानसून टर्फ अब सौराष्ट्र, दिसा, रायसेन, अंबिकापुर, उड़ीसा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है. इसकी अक्षय रेखा का पश्चिमी सिरा सामान्य स्थिति से उत्तर की तरफ बढ़ने की संभावना बन रही है जो अगले दो तीन दिनों में उत्तर की तरफ सामान्य स्थिति में मानसून टर्फ आने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं.

डॉ मदन खिचड़ ने बताया कि अगले दो- तीन दिनों के दौरान अरब सागर की ओर से नमी वाली हवाओं में कुछ कमी आने की संभावना है जिसके चलते हरियाणा में 18 से 20 जुलाई के दौरान मौसम परिवर्तनशील बना रहेगा. इस दौरान पश्चिमी एवं दक्षिणी हरियाणा में छिटपुट बूंदाबांदी जबकि उत्तर हरियाणा में कहीं- कहीं हल्की बारिश होने की संभावना रहेगी. इसके साथ ही 21 जुलाई से बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाएं प्रदेश में फिर सक्रिय हो जाएगी और इसी दिन रात्रि से प्रदेश में मानसून की बारिश का दौर फिर से शुरू हो जाएगा.

बता दें कि इस बार दक्षिण- पश्चिमी मानसून ने 30 जून को हरियाणा में दस्तक दी थी और तब से लेकर इन 18 दिनों में मानसून से सामान्य से 18% अधिक वर्षा हो चुकी है. सबसे ज्यादा बारिश कैथल व झज्जर में तथा सबसे कम बारिश फरीदाबाद, गुरुग्राम और भिवानी में हुई है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसूनी बारिश फसलों के लिए वरदान साबित होगी.

देश भर में बने मौसमी सिस्टम

पूर्वोत्तर अरब सागर के ऊपर बना डिप्रेशन अब गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में बदल गया है तथा यह पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए ओमान की तरफ निम्न दबाव में बदल जाएगा।

कम दबाव का क्षेत्र अब दक्षिण पूर्व मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी तक फैला हुआ है।

मॉनसून की ट्रफ रेखा जैसलमेर, कोटा, दक्षिण-पूर्व मध्य प्रदेश के ऊपर बने हुए निम्न दबाव के क्षेत्र से होते हुए, गोपालपुर और फिर पूर्व दक्षिण पूर्व की ओर पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है।

समुद्र तल पर अपतटीय ट्रफ गुजरात तट से महाराष्ट्र तट तक फैली हुई है।

पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में हुई मौसमी हलचल

पिछले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण मध्य प्रदेश और विदर्भ के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई।

तटीय आंध्र प्रदेश, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, तटीय कर्नाटक, उत्तरी केरल, मराठवाड़ा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई और तेलंगाना में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ भारी बारिश हुई हुई।

केरल, तमिलनाडु, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, रायलसीमा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, पूर्वोत्तर भारत और हरियाणा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।

दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, पंजाब के कुछ हिस्सों, दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में हल्की बारिश हुई।

अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि

अगले 24 घंटों के दौरान, मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा, दक्षिणपूर्व राजस्थान, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कई स्थानों पर भारी बारिश संभव है।

पूर्वोत्तर भारत, सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और गुजरात में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गुजरात के शेष हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तरी पंजाब, उत्तरी हरियाणा, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है और बिहार है हल्की बारिश हो सकती है।

लद्दाख, हरियाणा के शेष हिस्सों, पंजाब, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली एनसीआर में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश संभव है।