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सरसों का तेल खाने वाले सावधान! ज्वालामुखी में आर्जीमोन प्वाइजनिंग से मौत, पूरा परिवार बीमार

 
sarso oil

अगर आप भी खाने में सरसों तेल का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान। जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी में मिलावटी सरसों तेल से एक मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार ज्वालामुखी क्षेत्र में एक परिवार में आर्जीमोन प्वाइजनिंग का मामला सामने आया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डा. गुरुदर्शन गुप्ता ने बताया कि इस प्वाइजनिंग के कारण उस परिवार के एक व्यक्ति की दुर्भाग्यवश दुखद मृत्यु हो गई है और परिवार के अन्य सदस्य भी उपचाराधीन हैं।

क्या है आर्जीमोन प्वाइजनिंग
आर्जीमोन प्वाइजनिंग एक तरह से मिलावटी सरसों के तेल से हो सकती है। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया उन लोगों ने अगस्त माह में स्थानीय दुकानदार से सरसों खरीदी थी और स्थानीय मिल मे सरसों का तेल निकलवाया था और वह लोग उस सरसो के तेल का उपयोग कर रहे थे।

यह हैं लक्ष्ण

इस तेल के इस्तेमाल के बाद उनको दस्त, उल्टियां और शरीर के अंगों में सूजन तथा टांगों में लालगी आ गई। इसके लिए वह अलग अलग अस्पतालो मे यहां तक की चंडीगढ़ में भी इलाज करवाते रहे, परंतु दुर्भाग्यवश एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। परिवार के अन्य सदस्यों में भी ऐसे लक्षण आने पर उन्होंने स्वयं ही इस तेल का इस्तेमाल बंद कर दिया। जब यह मामला स्वास्थ्य विभाग के ध्यान में आया तो, उन्होंने जिला प्रशासन की मदद से एक टीम का गठन किया, जिसने अपनी जांच शुरू कर दी है तथा उस तेल के सैमपल को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया गया है।

इसलिए होती है मौत

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा ने बताया कि यह पॉइजनिंग सरसों के बीजों मैं एक काले रंग का जंगली बीज, जिसको आर्जीमोन मैक्सिकना कहा जाता है उसके कारण होती है। जिला में अगर किसी और ने इस प्रकार बाजार से खुली सरसों खरीद कर उस का तेल निकलवाया है और उस तेल का उपयोग किया है या कर रहे हैं तो वह इसे तुरंत बंद कर दें। अगर किसी को भी इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे, तो वे तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में संपर्क करें। उन्होंने कहा कि डरने की आवश्यकता नहीं है, परंतु सावधानी अति आवश्यक है।