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देहरादून-दिल्ली एक्स्प्रेसवे को लेकर आया बड़ा अपडेट, जानें क्या....

देहरादून-दिल्ली छह लेन एक्सप्रेसवे पर एशिया के सबसे बड़े अंडरपास के निर्माण के साथ वन्यजीवों के मूवमेंट को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इस उद्देश्य के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कैमरा ट्रैप खरीदने के लिए धनराशि प्रदान की है।
 
Dehradun-Delhi six-lane expressway

Dehradun-Delhi six-lane expressway: देहरादून-दिल्ली छह लेन एक्सप्रेसवे पर एशिया के सबसे बड़े अंडरपास के निर्माण के साथ वन्यजीवों के मूवमेंट को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इस उद्देश्य के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कैमरा ट्रैप खरीदने के लिए धनराशि प्रदान की है।

वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 14 किमी की एलिवेटेड सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इस सड़क के नीचे अंडरपास तैयार किया जा रहा है, जो वन्यजीवों के मूवमेंट के लिए उपयोगी होगा। इसके अलावा, इस अंडरपास में वन्यजीवों के मूवमेंट का अध्ययन किया जाएगा, जिसके लिए 576 कैमरा ट्रैप लगाए जाएंगे।

एनएचएआई ने इस परियोजना के तहत उत्तराखंड और यूपी वन विभागों को इको रेस्टोरेशन के कार्य के लिए राशि देने का भी फैसला किया है। इको रेस्टोरेशन का मतलब है, विकास कार्यों से प्रभावित होने वाले पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्स्थापना। इसके तहत जंगल में चेकडैम बनाने समेत अन्य कई कार्य किए जाएंगे, जिससे वन्यजीवों और वनस्पतियों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

एनएचएआई ने बताया कि यह इको रेस्टोरेशन कार्य 10 साल के चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, साल के पेड़ों के अध्ययन के लिए एफआरआई, देहरादून को भी 3 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है, जिससे पेड़ों के संरक्षण और पुनर्स्थापना में सहायता मिल सके।

देहरादून-दिल्ली छह लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण न केवल यात्रा को सरल बनाएगा, बल्कि यह वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस परियोजना के तहत किए जा रहे प्रयास एक सकारात्मक दिशा में कदम हैं, जो वन्यजीवों और पर्यावरण दोनों के लिए लाभदायक साबित होंगे।