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Chanakya ki Niti: आचार्य चाणक्य ने बताए स्त्री के 5 ऐसे दोष, जिन्हें जानना है बेहद जरूर

 
Chanakya ki Niti

चाणक्य नीति : किसी भी महिला ( Chanakya Niti For Woman ) को इन अवगुणों से बचना चाहिए। ईश्वर और प्रकृति ने नारी को विशेष गुणों से नवाजा है। परन्तु जब उसमें सद्गुणों के स्थान पर अवगुण आ जाते हैं तो उसकी शोभा, शालीनता, मातृत्व आदि में कमी आ जाती है। जिसके कारण वह परिवार और समाज में उस सम्मान से मुक्त हो जाती है जिसकी वह हकदार है।

आचार्य चाणक्य ने स्त्री ( Chanakya Niti For Woman ) के स्वभाव और गुणों की चर्चा करते हुए कहा है कि स्त्री ( Chanakya Niti For Woman ) को झूठ, छल, कपट, मूर्खता और अपशब्दों से दूर रहना चाहिए। इन दोषों को अपने स्वभाव में समेट लेने वाली स्त्री ( Chanakya Niti For Woman ) अपने स्त्रैण गुणों को भूल जाती है।

इन्हीं दोषों के कारण सम्पूर्ण नारी परिवार और समाज में एकाकी हो जाती है, उसके दोषों की सभी भर्त्सना करते हैं।
स्त्री ( Chanakya Niti For Woman ) को इन 5 दोषों से दूर रहना चाहिए

1. झूठ बोलना- स्त्री ( Chanakya Niti For Woman ) को हमेशा झूठ बोलने से बचना चाहिए। झूठ को अपने स्वभाव में शामिल करने वाली महिला ( Chanakya Niti For Woman ) को एक दिन दूसरों के सामने शर्मसार होना पड़ता है।

2. छल कपट - यही दोष है जो किसी भी स्त्री ( Chanakya Niti For Woman ) के पतन का कारण बनता है। स्त्री ( Chanakya Niti For Woman ) को कभी धोखा नहीं देना चाहिए। यह एक ऐसा दोष है जो उसके पूरे जीवन को नष्ट कर सकता है। पोल खोलते ही ऐसी स्त्री ( Chanakya Niti For Woman ) अपने सगे संबंधियों को भी छोड़ देती है।

3. मूर्खता- स्त्री ( Chanakya Niti For Woman ) को गंभीर और विचारशील होना चाहिए। हर विषय को गंभीरता से समझने के बाद ही फीडबैक देना चाहिए। जो स्त्री ( Chanakya Niti For Woman ) इस बात का ध्यान नहीं रखती वह मूर्ख कहलाती है।

4. अत्यधिक लालच - लालच एक बुरी आदत है। लेकिन जब यह आदत किसी महिला ( Chanakya Niti For Woman ) में प्रवेश कर जाए तो यह काफी खतरनाक हो जाती है। एक महिला ( Chanakya Niti For Woman ) को इस बुरी आदत से बचना चाहिए। नहीं तो उनकी इस आदत की वजह से उनका पूरा परिवार बर्बाद हो सकता है।

5. अपवित्र - स्त्री ( Chanakya Niti For Woman ) का सबसे बड़ा धर्म पवित्रता है। नारी को उसकी पवित्रता के कारण विशेष स्थान दिया गया है। उन्हें पूजनीय माना जाता है। लेकिन जब वह इस पवित्रता का त्याग करती है तो उसका सम्मान भी सबकी नजरों से ओझल हो जाता है।