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इन पशु-पक्षियों को पहले ही हो जाता है भूकंप का आभास? ऐसे देते हैं संकेत

 
Birds on Earthquake

Animals and Birds on Earthquake : तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप ( Animals and Birds on Earthquake ) में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस भूकंप ( Animals and Birds on Earthquake ) में अब तक 11 हजार से ज्यादा लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है. कहा जा रहा है कि जैसे-जैसे बचाव अभियान आगे बढ़ेगाा, यह आंकड़ा अभी और आगे बढ़ता जाएगा. इस त्रासदी के दौरान पक्षियों ( Birds on Earthquake ) का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. कहा जा रहा है कि भूकंप ( Animals and Birds on Earthquake ) आने से पहले ये पक्षी अपने ठिकाने छोड़कर आसमान में मंडराने लगे थे. तो क्या पशु-पक्षियों ( Birds on Earthquake ) को भूकंप आने का पहले ही पता चल जाता है. इस बात में आखिर क्या कोई सच्चाई है. आज आपको इस रहस्य से अवगत करवाते हैं. 

सुन लेते हैं लो फ्रीक्वेंसी वाली तरंगे

ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक यह सच है. कई पशु- पक्षी और जलाचर ऐसे हैं, जिन्हें भूकंप ( Animals and Birds on Earthquake ) (Animals and Birds on Earthquake) आने से पहले ही उनके आने का अहसास हो जाता है. इसकी वजह वे लो फ्रीक्वेंसी ध्वनि तरंगे हैं, जो भूकंप ( Animals and Birds on Earthquake ) की शॉक वेव से आगे-आगे चलती हैं. इन लो फ्रीक्वेंसी ध्वनि तरंगों को मनुष्यों के कान सुन नहीं पाते, जबकि पशु-पक्षियों ( Birds on Earthquake ) के लिए ये ध्वनि तरंगें डरावने शोर के समान होती हैं. यही वजह है कि वे इन तरंगों के शोर से डरकर इधर-उधर भागने लगते हैं. 

इन जीवों को पहले ही मिल जाता है संकेत

ज्योतिषियों के मुताबिक भूकंप ( Animals and Birds on Earthquake ) (Animals and Birds on Earthquake) आने से पहले मछलियों और मेंढकों को इसका आभास हो जाता है. वे पानी के केंद्र को छोड़कर किनारे की ओर भागने लगते हैं. बिल्लियां अचानक रोना शुरू कर देती हैं और कुत्ते भोंकने लगते हैं. सांप अपने बिल से बाहर निकलकर इधर-उधर रेंगने लगता है. चिड़ियाओं और कबूतरों में कोलाहल होने लगता है. 

ज्वालामुखी और सुनामी का भी कर देते इशारा

ज्योतिष विद्वान कहते हैं कि इन प्राणियों को केवल भूकंप ( Animals and Birds on Earthquake ) का अहसास नहीं हो जाता बल्कि ज्वालामुखी फटने या सुनामी आने का भी उन्हें पहले ही आभास हो जाता है. असल में वे पृथ्वी के अंदर होने वाली सूक्ष्म तरंगों और हलचलों को पहले ही महसूस कर लेते हैं. जिसके चलते वे अपनी अजीब हरकतों से मनुष्यों को सावधान कर देते हैं और कई मामलों में ऐसी आपदाओं से निपटने की तैयारी शुरू कर दी जाती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Haryana Kranti News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)