किसानों के लिए खुशखबरी, गुलाबी सुंडी से कपास की फसल बचाने का निकाला समाधान, जानें क्या है रोकथाम – Gulabi Sundi
Gulabi Sundi: गुलाबी सुंडी पंजाब के कपास के खेतों में एक खतरनाक कीट है, जिसका बड़े पैमाने पर संक्रमण फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने समस्या के समाधान के लिए एक टीम का गठन किया है और गुलाबी सुंडी संक्रमण का निरीक्षण शुरू कर दिया है।
टीम में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के साथ-साथ कृषि विज्ञान केंद्र और अनुसंधान स्टेशन के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। इस लेख में हम पिंक संडे के बारे में विस्तार से जानेंगे और इससे बचाव के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
गुलाबी सुंडी उत्तर भारत में कपास की फसल को प्रभावित करने वाला एक खतरनाक कीट है। यह कीट कपास के पौधों पर हमला करता है और उनकी पत्तियों पर छोटे गुलाबी दानेदार धब्बे बनाता है।
इससे पत्तियाँ सूखने लगती हैं और पौधों की व्यवहार्यता कम हो जाती है, जिससे फसल उत्पादन प्रभावित होता है। गुलाबी कसावा के संक्रमण से फसलों को नुकसान हो सकता है और किसानों को वित्तीय नुकसान हो सकता है।
Gulabi Sundi के खिलाफ लड़ाई में, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ. एसएस गोसल, डॉ. अजमेर सिंह ढट्ट, डाॅ. परमजीत सिंह, डाॅ. विजय कुमार, डाॅ. राजिंदर कौर और डॉ. के.एस. सेखों जैसे विशेषज्ञों ने योगदान दिया है। उन्होंने Gulabi Sundi संक्रमण के लक्षणों की पहचान की है और किसानों को उपयुक्त कीटनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी है।
यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं जिनका उपयोग Gulabi Sundi से बचने के लिए किया जा सकता है:
Gulabi Sundi की रोकथाम:
नियमित निरीक्षण: किसानों को नियमित रूप से अपने कपास के खेतों का निरीक्षण करना चाहिए। Gulabi Sundi के लक्षणों की पहचान करने के लिए, किसान फूलों और बिनौला के बीज कोट पर ध्यान देने की सिफारिश की जाती है।
समय पर बुआई: किसानों को अपनी कपास की फसल की बुआई समय पर करनी चाहिए। ताजी फसलें Gulabi Sundi के प्रति अतिसंवेदनशील होती हैं, इसलिए जल्दी बोई गई फसलों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
कीटनाशकों का उपयोग: यदि गुलाबी कसावा का संक्रमण पाया जाता है, तो किसानों को Gulabi Sundi के विरुद्ध कीटनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। फसल पर इमामेक्टिन बेंजोएट, प्रोफेनोफोस, इंडोक्साकार्ब या थियोडिकार्ब जैसे कीटनाशकों का उपयोग करके संक्रमण का प्रबंधन किया जा सकता है।
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उचित जल प्रबंधन: उचित जल प्रबंधन भी Gulabi Sundi को रोकने में मदद कर सकता है। पौधों को संक्रमण से बचाने के लिए पानी की सही मात्रा और समय पर सिंचाई करनी चाहिए।
इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी कपास की फसल को Gulabi Sundi से बचा सकते हैं। इसके अलावा, किसानों को कृषि विशेषज्ञों के संपर्क में रहना चाहिए और नवीनतम अनुसंधान और तकनीकों को अपनाने पर सलाह लेनी चाहिए।