सीएनजी गाड़ी चलाने वालों के लिए खुशखबरी, सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान
सीएनजी गाड़ी चलाने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने बड़ा ऐलान कर दिया है। इसका फायदा आपको कैसे होगा हम आपको इसकी जानकारी देते है। दरअसल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पेट्रोल/डीजल बीएस 6 कारों में सीएनजी के साथ-साथ एलपीजी किट के रेट्रो-फिटमेंट की अनुमति दी है। पहले, सीएनजी या एलपीजी किट के रेट्रो-फिटमेंट की अनुमति केवल बीएस 4 वाहनों में ही थी, लेकिन अब भारत में बीएस 6 कार मालिकों के लिए भी इसकी अनुमति दे दी गई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक अधिसूचना में BS6 कारों पर लेटेस्ट CNG/LPG रेट्रो-फिटमेंट नियमों के बारे में जानकारी दी है।
सीएनजी और एलपीजी वाहन चलाने वालों के लिए अच्छी खबर
परिवहन मंत्रालय ने यह भी अधिसूचित किया कि 3.5 टन से कम BS6 वाहनों के मामले में डीजल इंजनों को CNG/LPG इंजन से भी बदला जा सकता है। मंत्रालय ने बीएस (भारत स्टेज) 6 गैसोलीन वाहनों पर सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रो-फिटमेंट और बीएस 6 वाहनों के मामले में सीएनजी/एलपीजी इंजन के साथ डीजल इंजन के प्रतिस्थापन को अधिसूचित किया है, जो 3.5 टन से कम है।
CNG और LPG को लेकर इस फैसले का मकसद
पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से कार्बन उत्सर्जन के कारण पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए देश में सीएनजी कारों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। सीएनजी गाड़ियों पेट्रोल और डीजल गाड़ियों के मुकाबले ज्यादा माइलेज देती हैं। हालांकि, कंपनी-फिटेड सीएनजी वाहनों में ज्यादा ऑप्शन की कमी और सीएनजी गाड़ियों के मुकाबले में कम सीएनजी फिलिंग स्टेशन होना एक परेशानी है, जो भारत में इस सेगमेंट के विकास में बाधा बन रही हैं।
सीएनजी इंवायरमेंट के लिहाज से एक अच्छा ऑप्शन होने के साथ और कारों से कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद कर सकता है। मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोल और डीजल वाली कारें सीएनजी कारों की तुलना में अधिक मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, पार्टिकुलेट मैटर और धुएं को छोड़ती है। भारत स्टेज अर्थात बीएस का फुल फॉर्म (Bharat Stage Emission Standards) है, जो वाहनों में प्रदूषण को मापने के लिए एक मानक है। यह वाहन के इंजन से कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषकों को मापने की एक विधि है।
क्या है बीएस-6 स्टैंडर्ड वाली गाड़ियों का मतलब?
भारत स्टेज अर्थात बीएस का फुल फॉर्म (Bharat Stage Emission Standards) है, जो वाहनों में प्रदूषण को मापने के लिए एक मानक है। यह वाहन के इंजन से कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषकों को मापने की एक विधि है। भारत में 1 अप्रैल 2020 से सिर्फ बीएस-6 स्टैंडर्ड वाली गाड़ियां बाजार में आ रही है, परन्तु जो लोग पहले से ही बीएस-4 गाड़ियां चला रहे हैं, उन्हें हटाया या बंद नहीं किया गया है।