Movie prime

गेहूं और बाजरे की सप्लाई में कटौती का फरमान जारी, गरीबों की थाली से रोटी छीन रही है सरकार: कुमारी सैलजा

 
गेहूं और बाजरे की सप्लाई में कटौती का फरमान जारी, गरीबों की थाली से रोटी छीन रही है सरकार:  कुमारी सैलजा

गरीबों की थाली से रोटी छीन रही है सरकार:  कुमारी सैलजा

राशन डिपो पर जरूरत के मुकाबले गेहूं और बाजरे की सप्लाई में कटौती का फरमान जारी

करीब 30 लाख  गरीब परिवारों की भूख डिपो से मिलने वाले राशन से ही है मिटती

चंडीगढ़, 23 अक्तूबर - अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन कर रहे प्रदेश के लाखों परिवारों की थाली से रोटी छीनने में जुटी है। नवंबर से अगले चार महीने तक सरकार ने राशन डिपो पर गेहूं व बाजरे की सप्लाई में कमी करने का आदेश जारी किया है जबकि प्रदेश के बीपीएल परिवार डिपो से मिलने वाले राशन पर ही निर्भर हैं। राशन में कटौती के फैसले से इन परिवारों के समक्ष खाने तक का संकट पैदा हो सकता है। सरकार ऐसे परिवारों को रोटी देने के बजाए अब उनके हलक से निवाला निकालने में लगी हुई है।  

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि पूरे प्रदेश में 30 लाख से अधिक बीपीएल परिवार हैं, जो राशन डिपो के जरिए मिलने वाले राशन पर आश्रित हैं। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग ने नवंबर महीने के लिए जारी होने वाले राशन में कटौती का आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक गेहूं के राशन में 10.72 प्रतिशत व बाजरे के राशन में 23.1 प्रतिशत की कटौती रहेगी। यह कटौती फरवरी महीने तक, यानि 04 माह तक लागू रहेगी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह आदेश गरीब परिवारों के साथ सरासर धोखा है विश्वासघात है। नवंबर माह में दिवाली सहित कई बड़े त्यौहार हैं। इसके साथ ही सर्दी का मौसम भी शुरू हो रहा है। इन चार महीने के दौरान प्रदेश के लोग बाजरे की खिचड़ी व रोटी भी चाव से खाते हैं। लेकिन, बाजरा कम मिलने का खामियाजा गरीब परिवारों को भुगतना पड़ेगा। एक ओर सरकारी गोदामों में पड़ा अनाज सड़ जाता है जबकि सरकार है कि गरीबों के राशन में कटौती करने में लगी है आखिर सरकार राशन में कटौती कर किसका पेट भरना चाहती है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब गरीब परिवारों को परेशान करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। इससे पहले भी न जाने कितनी बार राशन डिपो के माध्यम से इन परिवारों को परेशान करने के मामले सामने आते रहे हैं। राशन डिपो पर सप्लाई होने वाले नमक, गेहूं, चीनी व सरसों के तेल में भ्रष्टाचार के मामले कई बार सामने आए, लेकिन इनकी जांच तक नहीं कराई गई। जबकि, खराब क्वालिटी का गेहूं, निम्न स्तरीय चीनी, एक्सपायर हो चुका सरसों का तेल राशन डिपो पर पहुंचना मीडिया में सुर्खियां बन चुका है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत पीले व गुलाबी कार्डधारक परिवारों को ही राशन मिलता है। ऐसे में राशन डिपो पर गेहूं व बाजरे की सप्लाई में कटौती से साफ है कि प्रदेश सरकार को 30 लाख से अधिक गरीब परिवारों की कोई चिंता नहीं है। सरकार इनके मुंह से निवाला छीनने की हरसंभव कोशिश में जुटी है।