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Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के आश्रितों को 58 वर्ष की आयु तक पूरा वेतन दिया जाएगा। यह खबर न सिर्फ स्कूलों के शिक्षकों के लिए बल्कि पूरे राज्य के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इस अनूठी पहल के बारे में हम इस लेख में विस्तार से चर्चा करेंगे कि कैसे यह हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अतिथि शिक्षकों के लिए नई आयु सीमा
हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई नई पहल से 58 साल तक कार्यरत अतिथि शिक्षकों की मृत्यु पर उनके आश्रितों को पूरा वेतन मिलेगा। इस नई योजना से करीब 180 दिवंगत अतिथि शिक्षकों की पत्नियों को काफी फायदा होगा। इस समय हरियाणा में करीब 12,000 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं, जो लंबे समय से इस योजना की मांग कर रहे थे.
शिक्षा के माध्यम से समाज सुधार
यह पहल न केवल अतिथि शिक्षकों के लिए बल्कि शिक्षा के माध्यम से समाज के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इससे न केवल शिक्षकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि उनके परिवार का भविष्य भी सुरक्षित होगा।
पदों को तर्कसंगत बनाने के लिए बैठक 17 अक्टूबर को
उच्च शिक्षा विभाग में पदों के युक्तिकरण पर चर्चा के लिए युक्तिकरण आयोग के अध्यक्ष (Retired IAS Rajan Gupta) ने 17 अक्टूबर को बैठक बुलाई है। उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों के पदों पर चर्चा के लिए 16 अक्टूबर को मुख्यालय में बैठक बुलाई है, जिसमें आठ से 10 अनुभवी शिक्षक भी मौजूद रहेंगे. बैठक में कॉलेजों की संरचना, रिक्तियों सहित नए पदों के सृजन और उन पदों के युक्तिकरण पर चर्चा होगी जहां कार्यभार कम है।
आश्रित ने मनोहर लाल को खून से लिखा पत्र
अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष पारस शर्मा ने बताया कि मृत अतिथि शिक्षकों के परिजन लगातार मांग कर रहे थे कि 58 वर्ष की आयु तक पूरा वेतन दिया जाए. इस मांग को लेकर आश्रितों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को खून से पत्र लिखा था और मई में दिवंगत अतिथि शिक्षकों की पत्नियां अपने छोटे बच्चों के साथ यमुनानगर में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास पर उनसे मिली थीं. उनके दर्द और पीड़ा को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के समक्ष जोरदार तरीके से उठाने का वादा किया था. उसी का नतीजा है कि निदेशालय ने एक पत्र जारी किया है.