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हरियाणा में अब नहीं लगेगा नहरी पानी पर शुल्क, अंग्रेजों के जमाने का आबियाना कानून खत्म

Charges on canal water

 
Charges on canal water

Haryana Kranti News, नई दिल्ली: हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, क्योंकि अब नहीं होगा आबियाना शुल्क का भुगतान। नहरी पानी पर लिए जाने वाले आबियाना शुल्क पर 1 अप्रैल से पूरी तरह से रोक लग जाएगी। यह नहीं सिर्फ किसानों को आर्थिक राहत देगा बल्कि उन्हें सीधे 140 करोड़ रुपए बकाया से भी निकालेगा।

किसानों को बड़ा फायदा

इस नए निर्णय से करीब 4299 गांवों के किसानों को 140 करोड़ रुपए का आबियाना शुल्क नहीं देना होगा। साथ ही, 54 करोड़ रुपए की वार्षिक राहत भी किसानों को मिलेगी। हिसार, कैथल, भिवानी, सिरसा, झज्जर, चरखी दादरी, और नूंह जैसे जिलों में किसानों को आबियाना शुल्क से मुक्ति मिलेगी।

सरकारी बजट में फैसले के बाद बड़ी राहत

सीएम मनोहर लाल के बजट में लिए गए यह फैसले से किसानों को आर्थिक बोझ से मुक्ति मिलेगी। आबियाना के नाम पर किसानों से राजस्व जुटाने की प्रक्रिया को समाप्त करने से किसानों को सीधे लाभ होगा और उन्हें इससे आर्थिक सहारा मिलेगा।

किसानों को होगा 140 करोड़ रुपये का लाभ

प्रदेश में सिंचाई के लिए 16 हजार 932 आउटलेट निर्धारित हैं। आबियाना की इस बकाया राशि के अंतर्गत लगभग 24 लाख हेक्टेयर भूमि आती है। इसमें रबी फसलों के तहत 12 लाख हेक्टेयर और खरीफ फसलों के तहत 12 लाख हेक्टेयर भूमि शामिल है। आबियाना खत्म होने से किसानों को सीधे तौर पर लगभग 140 करोड़ रुपये का लाभ होगा।

इन जिलों के गांवों को नहीं देना होगा आबियाना

इसी प्रकार कैथल के 320 गांवों के किसानों पर 20 करोड़ रुपये, भिवानी के 417 गांवों के 17 करोड़, सिरसा के 395 गांवों के 12 करोड़, झज्जर के 157 गांवों के सात करोड़, चरखी दादरी के 229 गांवों के छह करोड़ और नूंह के 171 गांवों के छह करोड़ रुपये का आबियाना बकाया है। अब इन गांवों के किसानों को आबियाना नहीं देना होगा।