Haryana Weather News: प्रदेश के इन जिलों में भयंकर औलावृष्टि ने किसानों की खड़ी फसल पर फेरा पानी, देखिए आगामी 2 दिनों में मौसम का हाल
Haryana Kranti, चंडीगढ़:: Haryana Weather News: हरियाणा की किसानों को बड़ा झटका लगा है। हरियाणा के कई जिलों में बारिश कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। पिछले दो दिनों में भारी बारिश और ओलावृष्टि ने राज्य भर में लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने प्रतिकूल मौसम की स्थिति जारी रहने का पूर्वानुमान लगाते हुए राज्य के 22 जिलों में अलर्ट जारी किया है।
मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने बारिश और ओलावृष्टि के बाद अधिकतम और न्यूनतम तापमान का पूर्वानुमान जारी किया है। उनका अनुमान है कि इस अवधि के दौरान अधिकतम तापमान में लगभग 9 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होगी। आज, 30 मार्च को तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। ये स्थितियाँ 3 अप्रैल तक बनी रहने की उम्मीद है, न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा, जिसके 15 से 17 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर रहने की संभावना है।
क्षेत्रों पर प्रभाव
हाल की बारिश ने विशेष रूप से रेवाडी, गुरुग्राम, पलवल, सोनीपत और फ़रीदाबाद जैसे क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जहां पिछले 12 घंटों में हालात खराब हो गए हैं। इसके अतिरिक्त, पंचकुला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत और अंबाला जैसे जिलों को भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना करने की उम्मीद है।
मार्च में बारिश का रिकॉर्ड
इस साल मार्च में हरियाणा में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है। इस महीने की वर्षा औसत से अधिक हो गई है, 1 मार्च से 28 मार्च तक वर्षा में 10% की वृद्धि दर्ज की गई है। आम तौर पर, इस अवधि के दौरान क्षेत्र में 14.1 मिलीमीटर वर्षा होती है, लेकिन इस वर्ष 15.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है। विभिन्न जिलों में वर्षा का वितरण अलग-अलग है, कुछ में अधिक वर्षा हुई है, जबकि अन्य में औसत से कम वर्षा हुई है।
किसानों की चिंता
लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से फसलों पर पड़ने वाले असर को लेकर किसान चिंतित हैं। 2 और 3 मार्च को हुई भारी बारिश से गेहूं और सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ। विशेष मुआवजे के सरकारी निर्देशों के बाद, लगभग 11.23 लाख एकड़ भूमि पर फसल के नुकसान की रिपोर्ट पहले ही सामने आ चुकी है।
चूंकि हरियाणा लगातार बारिश और उसके प्रभावों से जूझ रहा है, इसलिए ध्यान फसलों और बुनियादी ढांचे को होने वाले नुकसान को कम करने पर केंद्रित है। अधिकारी और किसान समान रूप से स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और आने वाले दिनों में खराब मौसम से राहत की उम्मीद कर रहे हैं।