Haryana Weather Today: हरियाणा में पहाड़ों की बर्फबारी से ठंड, शिमला-जम्मू से ठंडा रहा सिरसा; जानें मौसम का मिजाज
Haryana Kranti News, चंडीगढ़: शीतकाल का मौसम अपने आगमन के साथ हरियाणा को अपनी ठंडक से नवीन रूप में सजा रहा है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी ने तापमान में गिरावट का मिजाज बना दिया है, जिससे मैदानी इलाकों में भी ठंडी हवाएं चल रही हैं। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के कारण हरियाणा में तापमान में गिरावट का सामना हो रहा है। मैदानी इलाकों में शीतलहर जारी हो रही है, जिससे लोग दिन के समय भी ठंडी हवाओं के चलने से परेशान हैं। इसके परिणामस्वरूप, हिमाचल प्रदेश के शिमला और जम्मू से भी ठंडा हरियाणा का सिरसा रहा है।
जम्मू-शिमला से ठंडा रहा सिरसा
शिमला का न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री और जम्मू का 5.3 डिग्री रहा है, जबकि सिरसा का न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री पहुंच गया है। आने वाले दिनों में और भी गिरावट की उम्मीद है। इस असामान्य मौसम के चलते हरियाणा में ठंडी बूंदें बरस रही हैं।
हवा चलने से हवा साफ
मौसम में बदलाव निरंतर हो रहा है और हवा चलने से प्रदेश की हवा भी साफ हो गई है। रात के समय ठंडी हवाएं चलने से तापमान नीचे जा रहा है और दिन के समय धूप खिलने से अधिकतम तापमान सामान्य के आस पास है।
हिसार में अधिकतम तापमान 24.8 डिग्री
रात के समय ठंड अधिक हो रही है, जिससे सिरसा का तापमान 4.8 डिग्री हो गया है। करनाल में 5.7, रोहतक में 6.2 और हिसार में 6.5 डिग्री तक तापमान पहुंच गया है। दूसरी तरफ, हिसार में दिन में धूप के कारण अधिकतम तापमान 24.8 डिग्री पहुंच गया है। फरवरी माह में इस तापमान का असामान्य बढ़ना गेहूं की फसल के लिए एक अच्छी खबर है, क्योंकि इससे फसल को सुरक्षित रखने में मदद हो सकती है।
मौसम और फसलों का मेलमिलाप
विशेषज्ञों के अनुसार, फरवरी माह में न्यूनतम तापमान इस प्रकार का होता है, जिससे गेहूं की फसल के लिए अच्छा है। इस मौसम में अभी नमी होने के कारण भी फसल को फायदा हो रहा है।
हवा साफ, एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार
हवा चलने से प्रदेश की हवा साफ हुई है और प्रदेश के 13 शहरों की हवा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 100 से भी नीचे है। गुरुग्राम का एयर क्वालिटी इंडेक्स 189 तक पहुंच गया है, जो साफ हवा के संकेत के रूप में है।
मौसम का अनुसंधान और किसानों की सलाह
मौसम विज्ञानियों ने इस असामान्य मौसम के कारण किसानों को पानी लगाने की सलाह दी है। इस तरह के सुझाव किसानों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं ताकि वे अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकें।