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गेहू की कीमत में भारी उछाल अब गरीब की रोटी हुई और महंगी -जाने नई कीमते

 
गेहू की कीमत में भारी उछाल अब गरीब की रोटी हुई और महंगी -जाने नई कीमते

केंद्र सरकार ने गेहूं की 25 किलो से अधिक की पैकिंग से जीएसटी हटा दिया है, जिससे मंडी कारोबारियों को काफी राहत मिली है। वही, बीते तीन दिनों में गेहूं के भाव में जबरदस्त उछाल देखा गया है।

बता दे की थोक बाजार में गेहूं की कीमत इस समय पुराने सभी रिकार्ड तोड़ चुकी है। मंडी नीलामी में गेहूँ 2500 रुपये क्विंटल पार कर गया। इससे पहले गेहूं की अब तक की सर्वाधिक कीमत कोरोना काल में थी, जब गेहूं 2,400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव तक बिका था।

कारोबारियों का कहना है कि "गेहूं की कीमत और बढ़ेगी क्योंकि अब अगले वर्ष ही नई फसल आनी है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से जिन देशों में जरूरत थी, वहां गेहूं का निर्यात किया गया था। अप्रैल में जब नया गेहूं आया था, तब इसका थोक बाजार में भाव 1,950 रुपये से 2,000 रुपये प्रति क्विंटल था। निर्यात शुरू हुआ तो इसकी कीमत 2,175 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई। निर्यात नियंत्रित करने संबंधी नियम लागू होते ही गेहूं अगले ही दिन गिरकर 2,025 रुपये क्विंटल हो गया। कुछ दिन कीमत स्थिर रही लेकिन कीमतें फिर बढ़ने लगीं और अब यह 2420 रुपये पर है।"

गेहूं का स्टाक भी हुआ अधिक

बता दे की पहले गेहूं का स्टाक अधिक नहीं होता था, इस समय गेहूं में स्टाकिस्ट सक्रीय है। अकेले समालखा की मंडी में दो लाख कट्टे गेहूं का स्टाक बताया जा रहा है। गेहूं की ज्यादातर खरीद सरकार करती थी लेकिन इस बार सीजन में गेहूं की आवक मंडियों में कम रही, जिसके चलते खरीद का टारगेट भी पूरा नहीं हो पाया। मालूम हो की गेहूं की कीमत में तेजी के चलते किसानों के साथ-साथ स्टाकिस्ट भी सक्रीय हो गए है।

समालखा मंडी एसोसिएशन के पूर्व प्रधान रहे प्रवीण ने बताया कि 'गेहूं में और अधिक तेजी की संभावना है। जल्द ही भाव 2500 रुपये कि्वंटल क्रास कर सकता है। गेहूं के सीजन में भाव कम रहता है इस बार सीजन में समर्थन मूल्य से अधिक भाव पर गेहूं बिका।'

रवा, मैदा होने लगा निर्यात

बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा आटा, रवा, मैदा के निर्यात पर लगाए प्रतिबंध में से रवा व मैदा पर से प्रतिबंध हटा लिया गया है, जिससे पोषक व मालव राज गेहूं में काफी तेजी आ गई है। आटे के निर्यात के मामले में अभी स्पष्ट निर्देश जारी नहीं हुए हैं। बता दें 13 मई से गेहूं निर्यात प्रतिबंध के बाद 18 जुलाई से आटे के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।