IAS Success Story: दादा 4 बार सरपंच और मां हैं थानेदार, बेटी ने भी आईएएस बनकर पूरे गांव का नाम रोशन किया

UPSC Sucess Story: UPSC की परीक्षा पास करना कोई सामान्य बात नहीं है, क्योंकि इसके लिए प्री एग्जाम, मेन्स और फिर इंटरव्यू क्लियर करने के बाद दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है, तभी कहीं न कहीं इस परीक्षा में सफलता मिलती है। आज हम आपको एक ऐसे IAS अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं जो कड़ी मेहनत के बाद इसमें सफल हुए हैं।
अजमेर निवासी परी बिश्नोई ( Ias Pari Bishnoi ) के पिता मनीराम बिश्नोई एक वकील हैं और उनकी मां सुशीला बिश्नोई अजमेर में जीआरपी पुलिस अधिकारी हैं। परी के पिता 4 बार अपने गांव के सरपंच रहे। परी ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गईं।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। ग्रेजुएशन के दौरान ही परी ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, परी ने एमडीएस विश्वविद्यालय, अजमेर से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर किया।
परी बिश्नोई ( Ias Pari Bishnoi ) लंबे समय से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। इस बीच उन्होंने नेट जेआरएफ भी क्लियर कर लिया था। हालांकि, वह UPSC परीक्षा के लिए पढ़ाई में व्यस्त थीं और इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहती थीं। आखिरकार 2019 में परी ने तीसरे प्रयास में न सिर्फ कठिन परीक्षा पास की बल्कि 30वीं रैंक के साथ टॉप भी किया।
परी ( Ias Pari Bishnoi ) अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार खासकर अपनी मां को देती हैं। वह उनके काम और जुनून से प्रभावित हुए और IAS अधिकारी बनने का सपना देखा। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान भी जब वह असफल हुई या निराश हुई तो उसकी माँ ने उसे प्रोत्साहित किया।
परी ( Ias Pari Bishnoi ) का मानना है कि जीवन में किसी भी कठिनाई या असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। बल्कि पूरी ईमानदारी से कोशिश करते रहना चाहिए। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी पर परी ने कहा कि उम्मीदवारों को सभी विषयों पर एनसीईआरटी की किताबें पढ़नी चाहिए। साथ ही, आपको पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों को हल करना चाहिए और मॉक टेस्ट देना चाहिए। सही रणनीति के साथ उत्तर लेखन के नियमित अध्ययन और अभ्यास के अलावा समय प्रबंधन पर भी ध्यान देना जरूरी है।