Mina Baazar: मुगल हरम की तरह अय्याशी का अड्डा था मीना बाजार? जानिए क्या है सच
Mina Baazar history: कई बार हम सोशल मीडिया पर खबरें देखते हैं कि मुगल हरम (Mughal Haram) की तरह, मीना बाजार (Mina Baazar history) मुगल शासकों (Mughal Emperor ) के लिए वेश्यावृत्ति का अड्डा था। सच्चाई क्या है आइए जानते हैं।

Mina Baazar Agra Fort: हममें से ज्यादातर लोगों ने मुगल शासकों (Mughal Emperor) के बारे में किताबों में जरूर पढ़ा होगा. लंबे समय तक मुगल शासकों (Mughal Emperor) ने भारत पर शासन किया. आए दिन हम मुगलों से जुड़े छोटे-बड़े विवादित किस्सों के बारे में सुनते रहते हैं. इन्हीं विवादित किस्सों में एक का नाम 'मीना बाजार' ('Meena Bazar') भी है. कई लोग मानते हैं कि आगरा के मीना बाजार (Meena Bazar) को अकबर ने बनाया था लेकिन यह सच नहीं है.
आपको बता दें कि मीना बाजार (Mina Baazar history) की शुरुआत हुमायूं के शासनकाल (Humayun's reign) में हुई थी लेकिन सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मीना बाजार (Mina Baazar history) को अकबर के शासनकाल (Akbar's reign) में मिली थी. कहा जाता है कि शाहजहां और मुमताज की मुलाकात भी मीना बाजार में (Shah Jahan and Mumtaz meet also in Meena Bazaar) हुई थी.
मीना बाजार आगरा (Mina Baazar Agra Fort) के किले में बना हुआ था जो कि सेना के क्षेत्राधिकार में आता था. यहां आकर महिलाएं बाजार लगाया करती थी पर ये कोई आम महिलाएं नहीं होती थीं. मीना बाजार (Meena Bazar) में मुगल शाही परिवार की महिलाएं (Mughal Imperial Family Women), राजपूतों की रानियां (Rajput Queens) जैसी बड़ी-बड़ी हस्तियां आकर दुकान लगाती थीं और यहां पर सिर्फ मुगल घराने (The Mughal dynasty) से ताल्लुक रखने वाले चंद लोगों को ही खरीदारी की इजाजत थी.
इसके अलावा दूसरे राजाओं को यहां पर खरीदारी की आजादी थी. मीना बाजार (Meena Bazar) में बिकने वाली चीजों को सामान्य से ज्यादा कीमत पर खरीदा जाता था और ये भी कहा जाता है कि बाजार में बिकने वाली महंगी चीजों से आने वाले पैसों को गरीबों में बांट दिया जाता था.
हाल ही में कई लोगों ने ये आरोप लगाया था कि हरम के बाद मीना बाजार (Mina Baazar history) मुगलों की अय्याशी (Mughals' prostitution) का दूसरा अड्डा हुआ करता था. कई बार ऐसी बातें सोशल मीडिया पर भी हमें देखने को मिलती हैं लेकिन जानकार बताते हैं कि ऐसे किसी बात की पुष्टि असल में नहीं मिलती है. अकबर के शासन काल में इस बाजार को इसलिए प्रसिद्धि मिली क्योंकि दूर-दूर से राज - परिवारों के लोग यहां खरीदारी करने के लिए आने लगे थे.