अब होली पर खूब तलो पापड़-भजिया, सस्ता हुआ सरसों तेल, जानें 1 लीटर का भाव

एक पखवाड़े में सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) तेल के दाम में 20 रुपये किलो की गिरावट आ चुकी है। ब्रज के पसंदीदा खाद्य तेल के मौजूदा दाम दो साल का न्यूनतम स्तर है। टिन के खरीदार सक्रिय हो चुके हैं। जिस तरह से मौसम साथ दे रहा है, अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके दाम और भी ज्यादा गिर सकते हैं। आगरा के कारोबारियों ने बताया कि वर्तमान में सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) तेल का थोक दाम 122 रुपये किलो तक पहुंच गया है। रिटेल दुकानदार इसकी बिक्री 128 रुपये में कर रहे हैं। ब्रांडेड कंपनियों का स्टॉक 140-145 रुपये लीटर के अनुसार बिक रहा है। पीली सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) का तेल अभी भी 190 रुपये किलो के स्तर पर बेचा जा रहा है।
6500 रुपये कुंतल के स्तर पर
आढ़तियों ने बताया कि सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) के दाम में हाल के समय में गिरावट दर्ज हुई है। माल भी कारोबार की अपेक्षा के अनुसार आ रहे हैं। अव्वल गुणवत्ता की सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) का दाम 6500 रुपये कुंतल के स्तर पर रहा। वहीं मीडियम गुणवत्ता की सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) 6000 रुपये कुंतल के स्तर पर बिकी। इस गुणवत्ता में सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) तेल प्राप्ति का अनुपात मानकों के अनुसार मिल रहा है।
बीते साल थे रिकार्ड दाम
दो साल पहले लॉकडाउन के दौरान रिफाइंड तेल की आपूर्ति प्रभावित रही। इस कमी की पूर्ति सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) तेल से हुई। किसानों के पास स्टॉक में जो सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) रखी थी, अब वह लगभग समाप्ति की कगार पर पहुंच गई। वहीं दूसरी ओर नई उपज पिराई की स्थिति में नहीं मिल सकी। इन हालातों में जनपद के एक तिहाई तेल मिल बंद हो गए।
मांग बढ़ने लगी
आगरा व्यापार समिति के अध्यक्ष, जयप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि काफी समय बाद सीजन पर सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) तेल की मांग में इजाफा हुआ है। लोगों को दाम अनुकूल प्रतीत हो रहे। इस वजह से पूरा टिन खरीदने से भी हिचक नहीं रहे।
माल भरपूर
खाद्य तेल कारोबारी, पीयूष मंगल का कहना है कि एक अरसे बाद सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) की उपलब्धता अच्छी हो रही है। माल की गुणवत्ता भी अच्छी है। इस वजह से दाम में गिरावट का रुख है। और भी गिरावट हो सकती है।
हाल के सालों में सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) तेल के रेट
अवधि सरसों ( Sarso Tel Ka Bhav ) तेल के रेट(प्रति किलो)
फरवरी-मार्च 2020 80-90
फरवरी-मार्च 2021 140-150
फरवरी-मार्च 2022 155-170
फरवरी-मार्च 2023 125-140