अब और भी आसान होगा बनारस से कोलकाता का सफर, बनेंगे 32 पुल; 6 फ्लाईओवर, प्रोजेक्ट को मिले 2998 करोड़
Varanasi-Kolkata Expressway : बनारस से कोलकाता तक का सफर अब और भी सुविधाजनक होने जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने नवंबर 2023 से बनारस-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण करने का निर्णय लिया है। परियोजना के तहत 692 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है और अब निर्माण कार्य की तैयारी शुरू हो गई है.
इस परियोजना के लिए एनकेएस प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड गुड़गांव और पीएनसी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड आगरा को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया है और इन दोनों कंपनियों के साथ अनुबंध की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इन निर्माण एजेंसियों को चंदौली, कैमूर और रोहतास में 90 किलोमीटर लंबे सिक्स लेन पर काम करना होगा. इस परियोजना में चार बड़े और 28 छोटे पुल, छह फ्लाईओवर, 44 अंडरपास और छोटे पुल, छह इंटरचेंज और तीन टोल प्लाजा का निर्माण किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट से कई फायदे होंगे
एक्सप्रेसवे से ट्रैफिक कम होगा. विभिन्न शहरों के बीच यात्रा का समय कम हो जाएगा, इससे जिन शहरों से यह गुजरेगी वहां कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। कोलकाता और हल्दिया बंदरगाहों का उपयोग पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार और झारखंड में समुद्री व्यापार के लिए किया जाता है। एक्सप्रेसवे से माल की आवाजाही का समय कम हो जाएगा। इससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. उद्योगों का विकास होगा और रोजगार का सृजन होगा।
वाहन की गति 100 किमी प्रति घंटा होगी
एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा। कुल प्रोजेक्ट 610 किलोमीटर लंबा होगा. यह परियोजना भारतमाला योजना का हिस्सा है। एक्सप्रेसवे पर वाहनों की औसत गति 100 किमी प्रति घंटा होगी. बनारस से कोलकाता की दूरी लगभग छह घंटे में तय की जा सकती है। एक्सप्रेसवे पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग दो के समानांतर बनाया जाएगा। कैमूर में पांच किमी लंबी सुरंग भी बनायी जायेगी. यूपी में करीब 22 किलोमीटर का काम होगा.
कैमूर के शिवगांव से लेकर कोनकी रोहतास तक
लंबाई 36 किलोमीटर
1113 करोड़ लागत
178 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की गई
कैमूर के शिहोरिया से लेकर शिवगांव भभुआ तक
लंबाई 27 किलोमीटर
891 करोड़ लागत
321 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की गई
चंदौली के रेवासा से लेकर शिहोरिया कैमूर तक
लंबाई 27 किलोमीटर
994 करोड़ लागत
193 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की गई