Onion Price Today: मोदी सरकार बेच 25 रुपये किलो प्याज, आपके यहाँ कहाँ पहुँचा प्याज देखिए
क्यों उछल रहे प्याज के दाम: गर्मी की फसल की कटाई में देरी के कारण बाजार में प्याज की सप्लाई कम हो गई। इसलिए पिछले छह महीनों में दूसरी बार कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार को न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) 800 डॉलर प्रति टन लगाना पड़ा। एमईपी वह मूल्य सीमा है, जिसके नीचे निर्यातक वैश्विक खरीदारों को नहीं बेच सकते हैं। यह विदेशी शिपमेंट को सीमित करने का एक उपाय है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक बुधवार को उत्तरी क्षेत्र में प्याज की औसत कीमत ₹56.89 प्रति किलोग्राम थी, जबकि पश्चिम क्षेत्र में यह ₹50.92 प्रति किलोग्राम। उत्तर-पूर्व में, औसत खुदरा मूल्य ₹60 प्रति किलोग्राम था। कुछ शहरों में खुदरा कीमतें ₹70-80 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं, जो कुछ हफ्ते पहले ₹30 बिक रहे थे।
मोदी सरकार ने प्याज का इलाज टमाटर की तरह करना शुरू कर दिया है। बढ़ती कीमत से राहत देते हुए केंद्र कई शहरों में 25 रुपये किलो की दर से प्याज बेच रहा है। यह देश के औसत खुदरा मूल्य के आधे से भी कम है। इस साल अगस्त में, एनसीसीएफ ने लोगों को रियायती दरों पर टमाटर की क्रेट भी बेचीं, जब खुदरा कीमत ₹250 तक पहुंच गई थी।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक उच्च अधिकारी ने एचटी से बताया कि केंद्र सरकार ने एक दर्जन से अधिक शहरों में रियायती दर पर प्याज बेचना शुरू कर दिया है। प्याज के मामले में सरकार लगभग 500,000 टन का भंडार रखती है, जिसमें से 170,000 किलोग्राम अगस्त में रियायती दर पर बेचा गया था।
कहां-कहां बिक रहा 25 रुपये किलो प्याज: बुधवार को दो खाद्य एजेंसियों ने दिल्ली, जयपुर, बीकानेर, कोटा, चंडीगढ़, जालंधर, भोपाल, रायपुर और हैदराबाद सहित कई शहरों में खाद्य वैन में उपभोक्ता मंत्रालय के 500,000 टन के भंडार से सब्सिडी वाले प्याज बेचने के लिए अभियान शुरू किया।
कब तक मिलती रहेगी राहत: एनसीआर के तीन शहरों नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के कई सेक्टरों में एनसीसीएफ 25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज बेच रही है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से कुछ शहरों में कीमतों में कुछ कमी आई है। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ नवंबर के आखिरी सप्ताह तक रियायती दरों पर प्याज से भरी वैन भेजेगा।