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Parenting Tips: समय से पहले जवान हो रही है आपकी बेटी? तो इन 3 बातों का रखना चाहिए खास ख्याल

 
Parenting Tips

प्यूबर्टी उस समय को कहा जाता है जिसमें लड़के और लड़कियों में शारीरिक ( Physical changes in girls ) बदलाव शुरू हो जाते हैं। किशोरावस्था तक पहुंचने के दौरान शरीर में कई अंगों का विकास होता है और कई बदलाव भी देखने को मिलते हैं। ये प्रक्रिया आमतौर पर लड़कियों में 10 से 14 साल की उम्र में शुरू हो जाती है, वहीं लड़कों ( Physical changes in Boys ) में यह 12 से 16 साल की उम्र में शुरू होती है। प्यूबर्टी (किशोरावस्था) के दौरान लड़कियों और लड़कों ( Physical changes in Boys ) में अलग-अलग चेंजेस देखने को मिलते हैं।

लड़कियों में प्यूबर्टी के दौरान ब्रेस्ट ( Girls Breast Changes ) साइज बढ़ने लगता है। लेकिन बदलते समय के साथ ही लड़कियों में समय से पहले ही प्यूबर्टी के कई मामले देखे जा रहे हैं। इसके लिए पेरेंट्स कई बार डॉक्टर के पास भी जाते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें एक पेरेंट ने डॉक्टर को बताया कि उनकी बेटी ( Time se pahle jawan ho rahi Ladkiyan ) की उम्र मात्र 7 साल है और वह अभी भी गुड़िया से खेलती है। इस छोटी सी उम्र में ही उसके ब्रेस्ट ( Girls Breast Changes ) का साइज बढ़ने लगा है। ऐसे में क्या इसके लिए दूध और मीट में मौजूद हार्मोन जिम्मेदार हैं? या फिर खाने में मौजूद एंटीबायोटिक्स? साथ ही पेरेंट्स का यह भी सवाल था कि क्या उनकी बेटी ( Time se pahle jawan ho rahi Ladkiyan ) को 8 साल की छोटी सी उम्र में ही पीरियड्स शुरू हो जाएंगे?

एक बाल चिकित्सक और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट ने बताया, मैंने ऐसी बहुत सी लड़कियों को देखा है जिन्हें बहुत छोटी उम्र में प्यूबर्टी से गुजरना पड़ता है। हम जानते हैं कि जिन लड़कियों को समय से पहले प्यूबर्टी से गुजरना पड़ता है, उन्हें भविष्य में कई तरह की मेडिकल और साइकोलॉजिकल समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे डिप्रेशन, मोटापा, ईटिंग डिसऑर्डर और साथ ही कैंसर का भी सामना करना पड़ सकता है। 

प्यूबर्टी यानी किशोरावस्था में पहुंचने के संकेत (Signs of Puberty)

बहुत से लोग पीरियड्स शुरू होने को प्यूबर्टी की शुरुआत समझ बैठते हैं। लेकिन ब्रेस्ट ( Girls Breast Changes ) और प्यूबिक हेयर्स (प्राइवेट पार्ट के पास बाल) का विकास प्यूबर्टी का पहला संकेत होता है। आर्मपिट से आने वाली स्मेल, आर्म्स के बाल, मुंहासे और यहां तक कि मूडीनेस प्यूबर्टी के मेडिकल लक्षण नहीं हैं लेकिन इन्हें इसके साथ जोड़ा जाता है। 

पुराने जमाने में 8 साल की उम्र से पहले प्यूबर्टी के संकेतों का दिखना असामान्य माना जाता था लेकिन आजकल के समय में 15 फीसदी लड़कियों में 7 साल की उम्र में ही ब्रेस्ट ( Girls Breast Changes ) का विकास होने लगता है और 10 फीसदी लड़कियों के प्यूबिक हेयर्स आने लगते हैं। 8 साल की उम्र तक 25 फीसदी लड़कियों का ब्रेस्ट ( Girls Breast Changes ) साइज बढ़ने लगता है, वहीं 20 फीसदी लड़कियों के प्यूबिक हेयर्स आने लगते हैं। 

अर्ली प्यूबर्टी या जल्दी किशोरावस्था शुरू होने की वजहें (Early Puberty Reasons)

माउंट सिनाई हॉस्पिटल और सिनसिनाटी मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी की ओर से की गई एक स्टडी में इस बात का पता चला है कि प्यूबर्टी जल्दी शुरू होने पर मोटापे का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। फैट एक काफी एक्टिव हार्मोन ग्रंथि होती है और फैट सेल्स बाकी हार्मोन्स को एस्ट्रोजन में बदल देता है। लड़कियों में फैट टिशू ज्यादा होने से प्यूबर्टी की शुरुआत जल्दी होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है। हालांकि, इस पर रिसर्चर्स का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि मोटापा ही प्यूबर्टी जल्दी शुरू होने का मुख्य कारण है या इसके पीछे और कोई कारण भी है। 

इसे लेकर कई रिसर्च की गई हैं जिसमें स्ट्रेस (तनाव) और प्यूबर्टी जल्दी शुरू होने के बीच एक लिंक पाया गया है। रिसर्चर्स का मानना है कि जो लड़कियां घरेलू हिंसा और घर में बिना बायोलॉजिकल पिता के बड़ी होती हैं, उनके पीरियड्स अन्य लड़कियों की तुलना में पहले होने की संभावना अधिक होती है। इसके पीछे की थियोरी ये है कि जब आप एक लंबा वक्त स्ट्रेस में गुजारते हैं तो इससे मस्तिष्क जल्द से जल्द रिप्रोडक्शन शुरू कर देता है। बता दें कि रिप्रोडक्शन के लिए जिम्मेदार हार्मोन्स का विकास मस्तिष्क में होता है और यही हार्मोन्स अर्ली प्यूबर्टी के लिए जिम्मेदार होते हैं। 

रिसर्चर्स और भी कई कारणों के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं जिससे पता चल सके कि लड़कियों में प्यूबर्टी की शुरुआत जल्दी क्यों होती है। रिसर्चर्स यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि बहुत ज्यादा स्क्रीन का इस्तेमाल करने और कम नींद लेने से प्यूबर्टी पर कोई असर पड़ता है या नहीं। 

प्यूबर्टी की शुरुआत होने पर बेटियों के माता-पिता रखें इन बातों का ख्याल

खुलकर करें बात- अगर आपकी बेटी ( Time se pahle jawan ho rahi Ladkiyan ) भी अपनी प्यूबर्टी स्टेज में है तो जरूरी है कि आप उसे आसान भाषा में उसके शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में बताएं। जरूरी है कि आप उसे यह समझाएं कि इस स्टेज में हर किसी को इन सभी चीजों का सामना करना पड़ता है लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह कॉमन है। उसे अपने शरीर में हो रहे बदलावों को लेकर सहज महसूस कराएं।

उम्र के हिसाब से करें बर्ताव- भले ही आपकी बेटी ( Time se pahle jawan ho rahi Ladkiyan ) की प्यूबर्टी की शुरुआत जल्दी हो गई हो लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि उसके साथ बड़े लोगों की तरह बर्ताव ना करें। जरूरी है कि आप अपनी बेटी ( Time se pahle jawan ho rahi Ladkiyan ) के साथ उसकी उम्र के हिसाब से ही बर्ताव करें। प्यूबर्टी की शुरुआत जल्दी होने का मतलब ये नहीं हैं कि वो बड़ी हो गई है, तो उससे बात करते समय उसकी उम्र के अनुसार ही बात करें। कई पेरेंट्स लड़कियों को कपड़ों को लेकर टोकना शुरू कर देते हैं, इससे वे असहज तो होती ही हैं, उनका आत्मविश्वास भी कमजोर पड़ने लगता है। जरूरी है कि आप उसे उसकी उम्र के हिसाब से कपड़े पहनाएं ना कि उसके साइज के हिसाब से। साथ ही उसे वो चीजें देखने दें जो उसकी उम्र में लड़कियां देखना पसंद करती हैं। 

बेटी ( Time se pahle jawan ho rahi Ladkiyan ) की इमोशनल और फिजिकल हेल्थ पर करें फोकस- प्यूबर्टी की शुरुआत होने से आपका बच्चा मेच्योर होने लगता है, ऐसे में कुछ ऐसी एक्टिविटीज खोजें जो आप दोनों साथ में कर सकें और ज्यादा से ज्यादा टाइम साथ में स्पेंड कर सकें। जरूरी है कि आप अपनी बेटी ( Time se pahle jawan ho rahi Ladkiyan ) को अपने मन की बात कहने का मौका दें और उसे कंफर्टेबल महसूस कराएं।