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Saffron Price: केसर इतना महंगा क्यों है, इन देशों में होती है केसर की खेती

 
Saffron Price

नई दिल्ली। केसर इतना महंगा क्यों होता है? जानिए पूरा कारण यहां पर – केसर के बारे में आप सभी ने सुना होगा। कुछ महंगी मिठाइयों एवं महंगे व्यंजनों में असली केसर का इस्तेमाल किया जाता है। केसर एक लाल रंग का रेशा होता है  यह आपको बाजार में बड़ी मुश्किल से मिलेगा क्योंकि केसर की कीमत बहुत ही अधिक होती है। यदि 10 ग्राम केसर खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपको हजारों रुपए देने होंगे  इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि केसर कितना महंगा खाद्य पदार्थ है।

दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं केसर का इस्तेमाल कुछ बहुत महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों में किया जाता है। आयुर्वेद में केसर को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। केसर एक गर्म खाद्य पदार्थ है। इसका इस्तेमाल ठंडाई में भी सर्वाधिक किया जाता है। यदि आप कुछ महंगी मिठाईयां देखें तो उन मिठाइयों के ऊपर केसर के साथ सजावट की जाती है जिससे उनमें और निखार आता है।

दोस्तों यह बात भी बिल्कुल सच है कि मार्केट में असली केसर पहचानना एक चुनौतीपूर्ण काम है क्योंकि नकली केसर की खरीद-फरोख्त मार्केट में बहुत अधिक हो रही है। लोग भुट्टे के बाल कोकेसर के रूप में मार्केट में बेच रहे हैं लेकिन इनमें केसर जैसा कुछ भी नहीं होता ह।  यह सिर्फ देखने में केसर के जैसा लगता है इसका स्वाद और सुगंध दोनों ही केसर से भिन्न होती है।

केसर इतना महंगा क्यों है इस सवाल का जवाब है कि केसर को उगाने के लिए एक विशेष वातावरण की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप सोच रहे हैं केसर को किसी भी मौसम में किसी भी स्थान पर उगा लेंगे तो ऐसा असंभव है। केसर के लिए एक प्रतिकूल तापमान चाहिए। भारत में केसर सिर्फ जम्मू और कश्मीर में ही उगाया जाता है।

केसर की खेती करना बहुत मुश्किल होता है। केसर के पौधे से प्राप्त फूल के अंदर तीन बाल होते हैं। इन बाल को केसर कहा जाता है। इस प्रकार केसर के एक पौधे से केसर के तीन रेसे प्राप्त होते हैं। जब 75000 पौधों से रेशे निकाले जाते हैं तब कहीं जाकर 400 ग्राम केसर तैयार होता है।

केसर के महंगे होने की एक वजह यह भी है कि केसर के उत्पादन में मशिनिजेक्शन बिल्कुल भी नहीं होता है। केसर की पूरी खेती हाथी के द्वारा की जाती है। केसर के पौधे से केसर का रेशा निकालना बहुत बारीक काम है और यह काम सिर्फ हाथ से ही हो सकता है। एक केसर का पौधा 3 दिनों के लिए खिलता है और यदि इन 3 दिनों में उस पौधे से केसर निकाला गया तो वह पौधा बेकार हो जाता है। इस स्थिति में लोगों को रात और दिन एक करके काम करना पड़ता है जिस वजह से केसर की कीमत इतनी महंगी है।

पूर्व में हम आपको बता चुके हैं कि केसर की कीमत बहुत अधिक होती है। केसर की कीमत सोने से भी अधिक होती है। 400 ग्राम केसर की कीमत ₹75000 होती है। यदि आप 1 किलो केसर खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपको लगभग ₹400000 देने होंगे। इसी वजह से केसर को दुनिया का सबसे महंगा खाद्य पदार्थ कहा जाता है। हमारे देश में ऐसे बहुत कम लोग हैं जो केसर को ज्यादा मात्रा में खरीदते हैं।  लोगों के सर की 10 ग्राम या 5 ग्राम मात्रा से ही काम चलाते हैं।

केसर के फायदे

केसर इतना महंगा है तो इसके फायदे भी अनगिनत होंगे। यह बात बिल्कुल सच है कि केसर के ढेर सारे फायदे होते हैं। केसर का उपयोग मुख्य रूप से आयुर्वेद में किया जाता है। आयुर्वेद से संबंधित जटिल बीमारियों के इलाज में केसर का इस्तेमाल होता है। केसर रक्त को साफ करता है, यह हमारे हृदय के लिए भी लाभदायक होता है, केसर से माइंड फ्रेश होता है, यह हमारे कफ को भी खत्म करता है। यदि छोटे बच्चे को केसर का सेवन कराया जाए तो उसका मस्तिष्क को बहुत जल्दी विकसित हो जाता है।

केसर की खेती कहां होती है ?

केसर की खेती करने के लिए एक विशेष वातावरण की आवश्यकता होती है। हम कहीं पर भी केसर की खेती नहीं कर सकते हैं। सबसे पहले केसर की खेती यूनान में की गई थी। यूनान में अभी भी केसर की खेती होती है। भारत में केसर की खेती मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर में होती है। जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़जिले एवम् पांपोर में केसर की खेती की जाती है।