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न गर्भनिरोधक गोलिया और न ही थे कंडोम, तो प्रेग्नेंट होने से खुद को कैसे बचाती थीं हरम की हसीनाएं, जानें कारण

 
Mughal Harem Story

Mughal Harem Story: मुगल सल्तनत के अलावा इतिहास यदि किसी और साम्राज्य का जिक्र होता है तो वह है ओटोमन साम्राज्य. इस सल्तनत के 10 वें सुल्तान ( Mughal Harem ) सुलेमान ‘द मैग्नीफिकेंट’ थे. जिनके नाम ओटोमन शासक के तौर पर सबसे लंबे समय तक शासन करने का रिकॉर्ड था. सुलेमान 1520 में अपने पिता के निधन के बाद सुल्तान ( Mughal Harem ) बना था और अपने देहांत के समय यानी 1566 तक राज किया था.

सबसे लंबे शासन के अलावा सुलेमान प्रथम को अपने हरम ( Mughal Harem Story ) में सख्ती के लिए भी जाना जाता है, ऐसा कहा जाता है कि सुलेमान के हरम ( Mughal Harem Story ) में बेहद सुंदर रखैले हुए करती थीं, लेकिन उनके प्रेग्नेंट ( Mughal Harem Stories ) होने पर पाबंदी थी. सुल्तान ( Mughal Harem ) की इच्छा के बगैर कोई भी रखैल प्रेग्नेंट ( Mughal Harem Stories ) नहीं हो सकती थी. ये वो दौर था जब न तो गर्भनिरोधक गोलियां थीं ओर न ही कंडोम. ऐसे में सुल्तान ( Mughal Harem ) के आदेश को मानने और प्रेग्नेंसी से बचने के लिए इन दासियों को तरह-तरह के जतन करने पड़ते थे.

बेहद सख्त थे हरम ( Mughal Harem Story ) के नियम

सुल्तान ( Mughal Harem ) के हरम ( Mughal Harem Story ) के नियम बेहद सख्त थे, कोई भी रखैल बिना सुल्तान ( Mughal Harem ) की जानकारी के प्रेग्नेंस नहीं हो सकती थी. इसीलिए प्रेग्नेंसी से बचने के लिए रखैलों को खुद उपाय करने पड़ते थे. सुल्तान ( Mughal Harem ) जिस रखैल को अपने हरम ( Mughal Harem Story ) में लेता था, उसकी कड़ी निगरानी की जाती थी. इसलिए हरम ( Mughal Harem Story ) की महिलाओं को प्रेग्नेंसी से बचने के लिए पुराने तरीके से अपनाने पड़ते थे. ये ऐसे तरीके थे जो आज के समय में बेहद जंगली प्रतीत होते हैं. इनमें कई तरीके ऐसे भी थे जो उन महिलाओं की जान के दुश्मन भी बन जाते थे.

एसिड का इस्तेमाल

यह वो दौर था जब मिरामिस्टिन और क्लोरहेक्सिडिन (एक तरल पदार्थ जो किसी भी अंग की सफाई के काम आता है) नहीं थे. ऐसे में हरम ( Mughal Harem Story ) की महिलाओं को वजाइना की सफाई के लिए एसिड का इस्तेमाल करना पड़ता था. महिलाएं नींबू, संतरा, अनार के रस के साथ सफाई के लिए सिरके का भी इस्तेमाल करती थीं. यह एसिड स्पर्म के शुक्राणुओं को मारने के काम आता था.

जड़ी-बूटी का काढ़ा

हरम ( Mughal Harem Story ) की महिलाएं गर्भधारण से बचने के लिए जड़ी बूटियों का सहारा लेती थीं, पीढ़ी दर पीढ़ी यह व्यवसथा चलती आ रही थी. बूढ़ी हो चुकी दासियां नई दासियों को ये तरीका बताती थीं, इसमें वर्मवुड, पुदीना, क्रोकस या हॉर्सटेल के काढ़े को प्रयोग किया जाता था, ताकि यदि गर्भ ठहरा भी हो तो गर्भपात हो जाए.

हरम ( Mughal Harem Story ) में जाने से पहले करनी होती थी तैयारी

सुल्तान की दासियों को हरम ( Mughal Harem Story ) में जाने से पहले ही सूचित कर दिया जाता था. ये इसलिए किया जाता था, ताकि दासियां पहले से सज-संवर सकें, लेकिन दासियां इस सूचना का इस्तेमाल खुद को प्रेग्नेंसी से बचाने की तैयारी के लिए करती थीं. गर्भ से बचने के लिए वे प्राकृतिक तेलों का उपयोग करतीं थीं. इन तेलों का प्रयोग यौन संबंधी रोगों के इस्तेमाल में होता था. इनमें जैतून और देवदार का तेल शामिल था.

सुल्तान ( Mughal Harem ) के साथ रात बिताने के बाद भी उपाय

सुल्तान ( Mughal Harem ) के हरम ( Mughal Harem Story ) में रात बिताने के बाद भी दासियों को सुरक्षा के अगले चरण से गुजरना पड़ता था. इसके लिए वे शहर, गोभी या अनार के रस से भीगे कपड़े को वजाइना के अंदर रखती थीं, ताकि शुक्राणु बेअसर हो जाएं. दरअसल वास्तव में सुल्तान ( Mughal Harem ) रखैलों को प्रेग्नेंसी से रोककर खुद को सुरक्षित करते थे, क्योंकि दर्जनों या सैकड़ों उत्तराधिकारी रखना उनके हित में नहीं था.