1 अक्टूबर से आम आदमी को झटका! होने वाले हैं ये 8 बड़े बदलाव, टैक्स देने वालों को अटल पेंशन नहीं
इस साल एक अक्तूबर से देश में आठ अहम वित्तीय बदलाव होने वाले हैं। इसका असर सीधा आपकी जेब पर पड़ेगा। आयकर रिटर्न भरने वाले करदाता एक अक्तूबर से अटल पेंशन योजना का फायदा नहीं उठा सकेंगे। वहीं म्यूचुअल फंड में निवेश के नियम भी बदल जाएंगे। इसके अलावा ऑनलाइन खरीदारी में कार्ड की बजाय टोकन का इस्तेमाल होगा। यहां हम ऐसे आठ अहम बदलावों के बारे में आपको बता रहे हैं जिनका असर आपकी जेब पर पड़ सकता है।
1. टैक्स देने वालों को अटल पेंशन नहीं
आयकर रिटर्न भरने वाले एक अक्तूबर से अटल पेंशन योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। यानी जिन लोगों की आय 2.50 लाख रुपये से अधिक है वह अटल पेंशन योजना में निवेश नहीं कर सकेंगे। मौजूदा नियम के अनुसार 18 साल से 40 साल तक की उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक सरकार की इस पेंशन योजना से जुड़ सकता है, भले ही वह आयकर भरता हो या नहीं। इस योजना के तहत हर महीने पांच हजार रुपये पेंशन मिलती है।
2.कार्ड की बजाय टोकन से खरीदारी
आरबीआई के निर्देश के अनुसार एक अक्तूबर से कार्ड से भुगतान के लिए टोकन व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसके लागू होने के बाद मर्चेंट, पेमेंट एग्रीगेटर और पेमेंट गेटवे ग्राहकों की कार्ड से जुड़ी जानकारी को अपने यहां सुरक्षित नहीं कर सकेंगे। इसका उद्देश्य ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकना है।
3. म्यूचुअल फंड में नॉमिनेशन जरूरी
बाजार नियामक सेबी के नए नियमों के तहत एक अक्तूबर से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों के लिए नॉमिनेशन की जानकारी देना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वाले निवेशकों को एक घोषणापत्र भरना होगा और उसमें नॉमिनेशन की सुविधा नहीं लेने की घोषणा करनी होगी।
4. छोटी बचत पर ऊंचा ब्याज संभव
रिजर्व बैंक के रेपो दर बढ़ाने के बाद बैंकों ने बचत खाता और सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज बढ़ा दिया है। ऐसे में डाकघर की आरडी, केसीसी, पीपीएफ समेत अन्य छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज मेंं वृद्धि हो सकती है। इसका ऐलान 30 सितंबर को वित्त मंत्रालय करेगा। ऐसा होने पर छोटी बचतत पर भी ऊंचा ब्याज मिल सकता है।
5. डीमैट खाता में दोहरा सत्यापन
बाजार नियामक सेबी ने डीमैट खाताधारकों की सुरक्षा के लिए दोहरा सत्यापन का नियम एक अक्तूबर से लागू करने की घोषणा की है। इसके तहत दोहरा सत्यापन के बाद ही डीमैट खाताधारक लॉग-इन कर पाएंगे।
6. गैस सिलेंडर हो सकता है सस्ता
हर माह की एक तारीख को रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा की जाती है। ऐसे में कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में नरमी के कारण इस बार घरेलू और वाणिज्यिक दोनों तरह के गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी की उम्मीद है।
7. एनपीएस में ई-नामांकन जरूरी
पीएफआरडीए ने हाल ही में सरकारी और निजी या कॉर्पोरेट क्षेत्र के कर्मचारियों दोनों के लिए ई-नामांकन की प्रक्रिया में बदलाव किया है। परिवर्तन एक अक्टूबर 2022 से प्रभावी हो जाएगा। नई एनपीएस ई-नामांकन प्रक्रिया के अनुसार, नोडल कार्यालय के पास एनपीएस खाताधारक के ई-नामांकन अनुरोध को स्वीकार या अस्वीकार करने का विकल्प होगा। यदि नोडल कार्यालय अपने आवंटन के 30 दिनों के भीतर अनुरोध के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं करता है, तो केंद्रीय रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसियों (सीआरए) की प्रणाली में ई-नामांकन अनुरोध स्वीकार किया जाएगा।
8. सीएनजी के बढ़ सकते हैं दाम
प्राकृतिक गैस के दाम इस सप्ताह में होने वाली समीक्षा के बाद रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच सकते हैं। प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, उर्वरक और वाहनों के लिए सीएनजी उत्पादन में होता है। देश में उत्पादित गैस का दाम सरकार तय करती है। सरकार को गैस कीमतों में अगला संशोधन एक अक्तूबर को करना है। सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की जाने वाली दर 6.1 डॉलर प्रति इकाई (मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) से बढ़कर नौ डॉलर प्रति इकाई पर पहुंच सकती है। यह नियमन वाले क्षेत्रों के लिए अबतक की सबसे ऊंची दर होगी। सरकार प्रत्येक छह महीने (एक अप्रैल और एक अक्टूबर) में गैस के दाम तय करती है। यह कीमत अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस अधिशेष वाले देशों की पिछले एक साल की दरों के आधार पर एक तिमाही के अंतराल के हिसाब से तय की जाती है।