यह 550 किमी लंबा 4 लेन एक्सप्रेसवे लगाएगा सफर को चार चाँद, इन जिलों के किसान होंगे मालामाल
दिल्ली से कटरा की दूरी, जो पहले 727 किमी थी, एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद घटकर 588 किमी रह जाएगी। अब यह यात्रा केवल 6 घंटे में पूरी की जा सकेगी। वहीं, दिल्ली से अमृतसर के बीच की दूरी भी 466 किमी से घटकर 405 किमी रह जाएगी, जिससे यह यात्रा मात्र 4 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
Aug 25, 2024, 18:00 IST
New Expressway: दिल्ली से कटरा की दूरी, जो पहले 727 किमी थी, एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद घटकर 588 किमी रह जाएगी। अब यह यात्रा केवल 6 घंटे में पूरी की जा सकेगी। वहीं, दिल्ली से अमृतसर के बीच की दूरी भी 466 किमी से घटकर 405 किमी रह जाएगी, जिससे यह यात्रा मात्र 4 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 550 किमी है, जिसे 4 लेन का बनाया जा रहा है। इस परियोजना को विभिन्न पैकेजों में विभाजित करके निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसके अलावा, जालंधर जिले में नाकोदर से अमृतसर के लिए 99 किमी का एक अलग लिंक भी जोड़ा जा रहा है, जिससे इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के नाम से जाना जाता है।
एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्सों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में देरी हो रही है, खासकर पंजाब के लुधियाना और जालंधर जिलों में। इन जिलों में कई जगहों पर अर्थवर्क और पीयर वर्क का काम चल रहा है, लेकिन लैंड एक्विजिशन के मुद्दे अभी भी सुलझाने बाकी हैं।
यदि जमीन अधिग्रहण के मुद्दे जल्द सुलझा लिए जाते हैं, तो अगले साल तक दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्से बनकर तैयार हो सकते हैं। यह न केवल यात्रियों के लिए राहत का कारण बनेगा बल्कि उत्तर भारत के धार्मिक और पर्यटन स्थलों की यात्रा को भी अधिक सुविधाजनक बनाएगा।
दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 550 किमी है, जिसे 4 लेन का बनाया जा रहा है। इस परियोजना को विभिन्न पैकेजों में विभाजित करके निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसके अलावा, जालंधर जिले में नाकोदर से अमृतसर के लिए 99 किमी का एक अलग लिंक भी जोड़ा जा रहा है, जिससे इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के नाम से जाना जाता है।
एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्सों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में देरी हो रही है, खासकर पंजाब के लुधियाना और जालंधर जिलों में। इन जिलों में कई जगहों पर अर्थवर्क और पीयर वर्क का काम चल रहा है, लेकिन लैंड एक्विजिशन के मुद्दे अभी भी सुलझाने बाकी हैं।
यदि जमीन अधिग्रहण के मुद्दे जल्द सुलझा लिए जाते हैं, तो अगले साल तक दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्से बनकर तैयार हो सकते हैं। यह न केवल यात्रियों के लिए राहत का कारण बनेगा बल्कि उत्तर भारत के धार्मिक और पर्यटन स्थलों की यात्रा को भी अधिक सुविधाजनक बनाएगा।