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हरियाणा के बेरोजगार युवा 31 अगस्त को जाएंगे धरने पर, जानें वजह

परीक्षाओं के परिणाम और जॉइनिंग को लेकर उम्मीदवारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक हैं, और आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है, जिसके चलते परिणाम जारी होने में देरी हो सकती है।
 
Haryana Breaking News

Haryana Breaking News: परीक्षाओं के परिणाम और जॉइनिंग को लेकर उम्मीदवारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक हैं, और आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है, जिसके चलते परिणाम जारी होने में देरी हो सकती है।

उम्मीदवारों की मांग और सोशल मीडिया अभियान

उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया पर #HaryanaResultCampaign के तहत अभियान चलाया, जिसमें 2.11 लाख ट्वीट्स किए गए। बेरोजगार युवाओं ने सरकार से मांग की है कि वे जल्द से जल्द परीक्षाओं के परिणाम जारी करें और लंबित भर्तियों की प्रक्रिया को पूरा करें।

उच्च न्यायालय का आदेश और आयोग की कार्रवाई

31 मई 2024 को हरियाणा और पंजाब उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि 6 महीने के भीतर भर्तियों की प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके परिणामस्वरूप HSSC ने रिएडवरटाइजमेंट जारी कर ग्रुप 1, 2, 56, 57 और पुलिस सिपाही पद की लिखित परीक्षा आयोजित की। हालांकि, 16 अगस्त को चुनाव आयोग ने हरियाणा में चुनाव की घोषणा कर दी, जिससे भर्ती प्रक्रिया पर संशय उत्पन्न हो गया।

चुनाव आचार संहिता और बेरोजगार युवाओं का रोष

सरकार की तरफ से आदर्श चुनाव आचार संहिता का हवाला दिया जा रहा है, जबकि मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि इन भर्तियों पर कोई रोक नहीं है। युवा बेरोजगारों का आरोप है कि सरकार भर्तियों को लटकाकर उनकी अनदेखी कर रही है, जिससे प्रदेश में नकारात्मक माहौल बन रहा है।

12 साल से लंबित भर्तियां और आगामी धरना

कुछ भर्तियां 12 साल से लंबित हैं, जैसे ग्राम सचिव और पटवारी के पद। इन भर्तियों के लिए कई बार प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन किसी न किसी कारणवश इन्हें वापस लिया जाता रहा। इस स्थिति से नाराज होकर हरियाणा के बेरोजगार युवाओं ने 31 अगस्त से रोहतक में अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान किया है।

हरियाणा के बेरोजगार युवाओं के लिए यह समय कठिनाई भरा है। सरकार द्वारा भर्तियों में हो रही देरी से युवा नाराज हैं, और वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। अब यह देखना होगा कि चुनाव आचार संहिता के बावजूद सरकार इन लंबित भर्तियों को पूरा कर पाती है या नहीं।