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यूपी का अनोखा तांत्रिक मंदिर, जहां भगवान शिव के साथ होती है मेंढक की पूजा, 200 साल पहले हुआ था निर्माण

 
Frog Temple

यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में स्थित मेंढक मंदिर एक दिलचस्प और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जिसे भगवान शिव के साथ-साथ मेंढक का भी पूजा स्थल माना जाता है। यह लेख आपको इस मंदिर के ऐतिहासिक महत्व और इसकी विशेषताओं के बारे में बताएगा।

यूपी का अनोखा धार्मिक स्थल

यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में मेंढक मंदिर एक अनोखा धार्मिक स्थल है जहां भगवान शिव के साथ मेंढक की भी पूजा की जाती है। यह मंदिर लगभग 200 साल पहले बनाया गया था और यह स्थान कभी शैव संप्रदाय के प्रमुख केंद्र के रूप में जाना जाता था।

चाहमान राजवंश और मेंढक मंदिर

11वीं से 19वीं सदी तक इस स्थान पर चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह का शासन था, जिन्होंने मेंढक मंदिर का निर्माण कराया था। इसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव करना था।

तंत्रवाद का सौन्दर्यपरक आदर्शीकरण

मेंढक मंदिर का निर्माण तंत्र के आधार पर किया गया था और इसकी वास्तुशिल्प संरचना बेहद आकर्षक है। मंदिर के सामने एक विशाल मेंढक की मूर्ति स्थापित है और इसके पीछे भगवान शिव का पवित्र शिव मंदिर है। माना जाता है कि मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग का रंग बदलता है और सावन के महीने में यहां जलाभिषेक किया जाता है।

सावन और शिवरात्रि के महापर्व

मेंढक मंदिर का सबसे लोकप्रिय समय सावन और शिवरात्रि है। इन दिनों मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

मेंढक मंदिर तक कैसे पहुँचें?

मेंढक मंदिर लखीमपुर जिले से लगभग 11 किमी की दूरी पर स्थित है। आपको सबसे पहले लखीमपुर जाना होगा, जो यूपी मुख्यालय से अच्छी दूरी पर है। यहां से आपको बस, ऑटो या तेल की सभी सुविधाएं मिलेंगी। आप यहां ट्रेन से भी पहुंच सकते हैं, जिसके लिए आपको पहले लखनऊ जाना होगा और फिर लखीमपुर के लिए बस लेनी होगी। इसके अलावा, आप निकटतम हवाई अड्डे के माध्यम से भी यहां पहुंच सकते हैं, क्योंकि लखनऊ हवाई अड्डा सबसे नजदीक है।