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Politics: किस्से सियासत के-जब देशभर में रथयात्रा लेकर ताऊ देवीलाल मुलायम को दी मैटाडोर

 
Politics: किस्से सियासत के-जब देशभर में रथयात्रा लेकर ताऊ देवीलाल मुलायम को दी मैटाडोर

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अतीत के चुनावों की बात करें तो साल 1988 के विधानसभा चुनाव का हरियाणा से बड़ा रोचक कनैक्शन रहा है। उस चुनाव में चौधरी देवीलाल रथयात्रा लेकर पूरे देश में निकले थे। उत्तर प्रदेश के कानपूर के फूलबाग में रथयात्रा का समापन था। वहां पर यात्रा का समापन नहीं बल्कि यूं कह सकते हैं कि वहीं से रथयात्रा का आगाज हुआ।

एक मैटाडोर को रथयात्रा का रूप दिया गया था। चौधरी देवीलाल ने तब कहा कि देश में हमारी क्रांति यात्रा का बेशक समापन हो गया हो, लेकिन उत्तरप्रदेश में यह यात्रा चलती रहेगी। देवीलाल ने ऐलान किया कि इस रथयात्रा की जिम्मेदारी मुलाायम सिंह यादव संभालेंगे। यह कहते हुए देवीलाल ने मैटाडोर की चाबियां मुलायम सिंह यादव को दे दी।

देश की राजनीति में रथयात्राओं को सम्माहित करने का श्रेय अगर किसी एक आदमी को जाता है, तो वो हैं हरियाणा के कद्दावर नेता और देश के उप प्रधानमंत्री रहे चौधरी देवीलाल. वो साल 1988 का था. तब वीपी सिंह राजीव गांधी सरकार से अलग हो चुके थे और जनमोर्चा बनाकर राजीव गांधी के बोफोर्स घोटाले के खिलाफ पूरे देश में घूम रहे थे.

इस दौरान उन्हें साथ मिला था चौधरी देवीलाल का, जो एक मेटाडोर में सवार होकर किसानों के बीच जा रहे थे और अपनी बात रख रहे थे. चौधरी देवीलाल जिस मेटाडोर में सवार थे, उसे नाम दिया गया था क्रांति रथ. और इस यात्रा को नाम दिया गया था क्रांति रथ यात्रा। अगस्त, 1988 में इस यात्रा का समापन उत्तर प्रदेश के कानपुर के फूलबाग मैदान में होना था. लेकिन वहां ये यात्रा खत्म नहीं हुई. बल्कि यूं कहें कि वहीं से यात्रा शुरू हुई तो ये ज्यादा बेहतर होगा

. क्योंकि तब देवीलाल ने कहा कि देश में इस क्रांति रथ यात्रा का समापन भले ही हो गया हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में ये यात्रा चलती रहेगी. और इस यात्रा की जि मेदारी संभालेंगे मुलायम सिंह यादव. ये कहकर चौधरी देवीलाल ने मुलायम सिंह यादव को उस मेटाडोर की चाबियां थमा दीं. इस क्रांति रथ यात्रा के नतीजे भी अपने नाम की तरह क्रांतिकारी रहे.

पांच साल पहले 414 लोकसभा सीटें जीतकर इतिहास रचने वाले राजीव गांधी 1989 के लोकसभा चुनाव में महज 197 सीटें ही जीत सके. देश में सरकार बदल गई. उत्तर प्रदेश में भी यही हुआ. वहां भी जनता दल को ही जीत मिली और नारायण दत्त तिवारी को हटाकर मुलायम सिंह यादव पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.