कहानी उस IAS महिला की जिन्होंने तीसरी बार झुगाड़ कुछ ऐसा लगाया की आ गयी 6वी रेंक
![IAS Officer Vishakha Yadav](https://haryanakranti.com/static/c1e/client/95046/uploaded/89f0574b9a96ad52cf72f3f2fe3f50d3.jpg?width=968&height=727&resizemode=4)
विशाखा यादव आईएएस सफलता की कहानी: सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी) को देश की सबसे विशिष्ट परीक्षाओं में से एक माना जाता है। जहाँ कुछ अभ्यर्थी पहले ही प्रयास में सफल हो जाते हैं, वहीं अन्य कुछ अटेम्प्ट के बाद सफलता का स्वाद चखते हैं। आज हम दिल्ली की विशाखा यादव के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो पहले दो अटेम्प्ट में प्रारंभिक परीक्षा पास नहीं कर पाईं, लेकिन उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में शानदार वापसी की और ऑल इंडिया रैंक 6 हासिल की।
विशाखा दिल्ली के द्वारका से ताल्लुक रूमानी हैं और वह बचपन से ही साथी छात्र रहे हैं। स्कूल के बाद, उन्होंने दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और नौकरी पा ली। दो साल के काम के बाद विशाखा ने तपसी की तैयारी शुरू की और उनके परिवार ने भी उनका पूरा साथ दिया।
आवेदन की तैयारी का फैसला उनके लिए कठिन साबित हुआ और वे पहले दो प्रयास में प्रीलिम्स परीक्षा पास नहीं कर पाईं। किस्मत के बावजूद उन्होंने हार मान ली और तीसरे प्रयास की तैयारी में जुट गए।
भाग्य के बावजूद विशाखा यादव ने कोई भी हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में न केवल परीक्षा पास की बल्कि ऑल इंडिया रैंक 6 भी हासिल की। उन्होंने बताया कि पहले दो प्रयासों के लिए उन्होंने काफी अध्ययन सामग्री तैयार की थी, लेकिन समीक्षा पर ध्यान नहीं दिया। न ही उन्होंने प्रीलिम्स का पहला मॉक टेस्ट पर ध्यान केंद्रित किया। अन्य उम्मीदवारों की सलाह है कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देने से पहले एजाजेक्शन से बचना चाहिए।
विशाखा ने कहा है कि वर्कशीट में लगातार 6 से 8 घंटे लगातार पढ़ने की जरूरत है। कई पुस्तकों की जगह कुछ सीमित पुस्तकें पढ़ने पर ध्यान देती हैं और लेखन की प्रथाओं को समझती हैं और उन्हें लगातार सुधारते हुए हर दिन बेहतर करने पर ध्यान देती हैं।